Love Guru मटुकनाथ को छोड़ जुली निकल गई विदेश, बीबी बच्चों ने भी जूते मारकर निकाला..

बिहार राज्य की जाने-माने मटुकनाथ चौधरी और उनकी पत्नी जुली कुमारी की प्रेम कहानी बच्चों बच्चों की जुबान पर है क्योंकि जब कभी भी प्यार का जिक्र किया जाता है तो आयु और रिश्तो के बंधन से मुक्त होकर दोनों की प्यार की चर्चा अवश्य की जाती है वैसे तो जूली मटुकनाथ की आयु से आदि उनकी ही शिष्य थी लेकिन दोनों के बीच प्यार इस कदर पर वहां चढ़ गया कि परिवार और समाज सब कुछ बोलते हुए दोनों एक दूसरे के हो गए और यही वजह है कि उनकी लव स्टोरी को 21वीं साड़ी की सबसे बोल्ड लव स्टोरी भी कहा जाता है अब जूली और मटुकनाथ अलग भी हो गए हैं बटुकनाथ अकेले अपनी जिंदगी गुजर रहे हैं प्रोफेसर का कहना है कि प्यार कोई बंधन नहीं की किसी को बांधकर रखा जाए.

वेस्टइंडीज चली गई जूली

प्रोफेसर का कहना है कि जूली और हम एक दूसरे से बेइंतहा प्यार किया करते थे अब वह प्यार ही नहीं रहा और जूली वेस्टइंडीज में जाकर सेटल हो गई है साल 2014 में वह मुझे छोड़ कर चली गई कभी-कभी हो जाती है जूली से प्यार हो जाने के बाद मटुकनाथ के परिवार ने भी उनसे सभी रिश्ते नाते तोड़ लिए थे अब परिवार ने उन्हें अपने से भी इंकार कर दिया वही मेटोकनाथ अकेले ही नवगछिया के कोरचक्का में अपने पैतृक आवास में अपनी जिंदगी को जी रहे हैं और एक निजी स्कूल भी चला रहे हैं.

प्रोफेसर को निकाल बच्चों और पत्नी ने घर से

जिंदगी का सामान्य अनुभव यही है कि अकेलापन सबसे दुखद होता है आदमी को सहयोग की हमेशा आवश्यकता होती है जूली अभी वेस्टइंडीज में है और अपनी यात्रा कर रही है अपनी यात्रा में गई और क्यों चली गई यह असली कारण तो जूली ही बता पाएगी मैं तो केवल अनुमान ही बताऊंगा वास्तविक कारण वही बताएगी मैं वेस्टइंडीज भी गया जब जूली की तबीयत खराब होने की सूचना मिली किसी शुभचिंतक ने उनको बताया था कि बटुक नाथ जी को बुला लो उन्होंने मुझे कॉल किया था तब मैं वहां पर गया था.

जूली के आने का फिर से इंतजार

करीब 4.5 साल जूली के पास रहा था और मैं अभी भी मजे कर रहा हूं जूली हमारे जीवन से 23 अगस्त 2014 में निकल गई थी 7 साल हो चुकी है बटुकनाथ बिना प्यार के ही जिंदा नहीं रह सकता तब तक साथ-साथ है जब तक प्यार है पत्नी और बच्चों ने मुझे घर से निकाल दिया तो हम घर से निकल गए हम क्या करते हैं जूली की याद कभी आती है तो आनंदित हो जाता हूं और भगवान से यहां तक प्रार्थना करता हूं कि वह हमेशा खुश रहे तो मैं भी खुश रहूंगा अगर जूली दोबारा मेरे पास आ जाए तो फिर से महोत्सव शुरू हो जाएगा।

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