Israel–Hamas war : इजराइल हमास युद्ध काफी दिनों से चल रही है जिसमें कई निर्दोषों ने अपनी जानें गवाई तो वहीँ इजराइल की सेना लगातार गाजा में घुस कर हमास जैसे आतंकी संगठन का सफाया करने में लगी है.
इजराइल और हमास युद्ध ने अब धार्मिक रूप ले लिया है क्योंकि ज्यादा तर इस्लामिक देश इजराइल के विरोध में खड़े हो कर खुले रूप से हमास के साथ खड़े हैं और इस युद्ध को इस्लाम के खिलाफ बता कर इजराइल और इजराइल के साथ खड़े देशों की खूब निंदा भी कर रहे हैं.
वहीँ दूसरी तरफ अब इस युद्ध में अमेरिका ने अपनी एंट्री कर ली है और अपने सेनिकों को तैयार रहने का निर्देश दे दिया है. अमेरिका ने अपने 2000 सैनिकों को तैयार रहने के लिए कहा है.
Israel–Hamas war : मुस्लिमों का सामना नहीं कर सकता कोई
Israel–Hamas war : एक तरफ इस युद्ध में अमेरिका नें अपने 2000 सेनिकों को तैयार रहने के लिय कहा है तो दूसरी तरफ ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने ये कह दिया है कि “कोई भी मुस्लिमों का सामना नहीं कर सकता”।
उन्होंने कहा कि अगर इजरायल गाज़ा में कार्रवाई जारी रखता है तो फिर दुनिया भर के मुस्लिमों को रोकने वाला कोई नहीं होगा। ईरान और अमेरिका की एंट्री से दुनिया पर एक नए महायुद्ध का ख़तरा मँडरा रहा है।
🚨 Iran’s FM Abdollahian warns of potential “preemptive action” by Iran & its allies in the “coming hours” in the region to counter Israel’s attacks on Gaza. This is a serious statement that signals a real possibility of Iran and/or Hezbollah joining the war against Israel.>>> pic.twitter.com/1vi76MPRf4
— Sina Toossi سینا طوسی (@SinaToossi) October 16, 2023
ये हमास को देते हैं सैन्य समर्थन
Israel–Hamas war : आपको बताते चलें कि साल 1979 की क्रांति के बाद से ही ईरान लगातार फिलिस्तीन का समर्थन करता आ रहा है। तो वहीँ दूसरी तरफ ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई की सरकार भी फिलिस्तीन को न सिर्फ मदद देती है, बल्कि आतंकी संगठन हमास को सैन्य समर्थन भी देती है।
यही नहीं इनका तो ये भी कहना है की इजरायल के लोग अपराधी हैं उन्हें सज़ा देनी चाहिए। वहीं ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर-अब्दुल्लाहियान ने ‘रेजिस्टेंस फ्रंट’ द्वारा मुकाबले की बात कही है। इसमें लेबनान का हिज्बुल्ला भी शामिल है जो लगातार इजरायल पर हमले कर रहा है।
इजरायल की सीमा के आसपास मँडरा रही अमेरिकी सेना
अमेरिका ने 2000 सैनिकों को तैयार रखा है, जिन्हें कभी भी मध्य-पूर्व इलाके में तैनात किया जा सकता है। अमेरिका की (मरीन रैपिड रिस्पांस) फ़ोर्स भी इजरायल की सीमा के आसपास मँडरा रही है।
बता दें की लेबनान को सन्देश देने के लिए एक ‘अवरोध’ के रूप में इन 2000 फौजियों को तैयार रखा जा रहगा है। मेडिकल और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाएगा। हालाँकि, अमेरिका ने ये बात भी साफ़ कर दिया है की अमेरिका ग्राउंड फाइट वो दूरी बनाए रखेगा।
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