Bihar Politics: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जनता दल यू पर प्रहार करते कहा की जदयू अब डूबता नाव है. जो इसका सवारी करेगा उसको डूबना ही है.
उन्होंने कहा कि विधानसभा के तीन में से दो उपचुनाव बीजेपी ने जीते और मोकामा में पार्टी 60 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही. नीतीश कुमार अपना वोट ट्रांसफर नहीं करा पाए.
कई नेता छोड़े जदयू
उपेंद्र कुशवाहा, आरसीपी सिंह और जीतन राम मांझी, अजय आलोक ने जेडीयू का साथ छोड़ दिया. उनके कई नेता बीजेपी में आए, लेकिन बीजेपी छोड़ कर कोई नहीं गया. अब नीतीश कुमार की पार्टी विलय या विघटन के कगार पर खड़ी है.
श्री मोदी ने कहा बीजेपी ने नहीं, नीतीश कुमार ने ही पीठ में छुरा भोंका है. नीतीश ने जनादेश से विश्वासघात किया. अब हमें उनकी आवश्यकता नहीं है. 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को 44 और बीजेपी को उससे ज्यादा 75 सीटें मिलने के बाद भी चुनाव-पूर्व वादे का पालन करते हुए नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनाना क्या पीठ में छुरा भोंकना है..?
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का जनाधार लगातार घट रहा है. उनके नेतृत्व में जेडीयू को 2010 में 115, 2015 में 75 और 2020 में 44 सीटें मिलीं.
अपनी जमीन देखने की दी नसीहत
किसने किसकी पीठ में छुरा भोंका और किसने पलटी मारी? राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि क्या नीतीश कुमार इतने कमजोर हो गए हैं कि चिराग पासवान उनकी पार्टी को 44 सीट पर उतार दें? उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाने से पहले जेडीयू को अपनी जमीन देखनी चाहिए.
ललन पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी नेताओं में से एक रहे थे, लेकिन 12 अक्टूबर को वे जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिए थे.
इस्तीफा देने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू पर तानाशाही का गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि जिस दल में पूरी तरह तानाशाही हो, बात रखने पर राजनीतिक जुबान काट ली जाए,
दलितों के अधिकार की आवाज उठाने पर उसका सर कलम कर दिया जाए, दरकिनार कर दिया जाए, उसे पावर से हटा दिया जाए, ऐसे दल में रहने का क्या मतलब है.
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