अजमेर की वो घटना जिसपर बन रही है Ajmer 92 Movie

इन दिनों बॉलीवुड एक अलग रह पर चल रहा है.आज से कुछ वर्ष पहले तक बॉलीवुड में अगर कोई बड़े सुपरस्टार की फिल्में आती थीं तो वो स्वघोषित हिट हो जाती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. लोग साउथ की फिल्मों को भी बहुत तवज्जो दे रहे हैं. अब लोग किरदारों पर नहीं बल्कि कहानियों की तरफ जा रहे हैं. कहानियों के प्रति लगाव का अंदाजा हम इसी से लगा सकते हैं कि बिना कोई चहरे और कोई बड़े प्रमोशन के बावजूद फिल्में हिट हो जा रही है.उदहारण के तौर पर-Kantara,The Kashmir files, The Kerala Story. ऐसी ही एक फिल्म आ रही है Ajmer-92 Movie . ऐसा कहा जा रहा है कि यह फिल्म 90 के दशक में अजमेर में घटी घटना पर है.

क्या कहा AJMER 92 के डायरेक्टर ने 

अभिषेक दुधैया ने अजमेर फाइल्स को ओटीटी प्रोजेक्ट के रूप में घोषित किया था. लेकिन अब इसे एक फिल्म में तब्दील कर दिया गया है और इसे थिएटर में रिलीज किया जाएगा. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है कि बॉक्स ऑफिस पर द केरल स्टोरी और द कश्मीर फाइल्स की भारी सफलता को देखने के बाद यह फैसला लिया गया.यह फिल्म 1992 के अजमेर बलात्कार और ब्लैकमेल कांड की वास्तविक जीवन की घटनाओं की व्याख्या है जिसने देश को भय और आतंक में जकड़ रखा था. फिल्म के निर्माताओं ने महसूस किया कि यह अपनी दिलचस्प कहानी के साथ बड़े पर्दे पर रिलीज करने के लिए उपयुक्त है और कलाकारों ने इसे जीवंत करने पर विचार किया है.

टिप्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड के एमडी और चेयरमैन तौरानी ने कहा, “रणनीतिक दृष्टिकोण से, यह हमारे लिए एक अद्भुत अवसर है क्योंकि दर्शक सिनेमाघरों में फिल्मों का अनुभव करने के लिए उत्सुक हैं क्योंकि यह कार्यालय के दरवाजे से आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है. हम अभिषेक दुधैया के साथ फिल्म का सह-निर्माण करके खुश हैं. वास्तविक जीवन की घटनाओं की नकल करने के लिए कहानी को सावधानी से तैयार किया गया है.

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अभिषेक दुधैया ने कहा, ‘टिप्स फिल्म्स के साथ यह हमारा पहला को-प्रोडक्शन है. हम अजमेर फाइल्स पर काम करने को लेकर खुश और उत्साहित हैं. पटकथा लगभग पूरी हो चुकी है और कहानी दिल को छू रही है. अब जब इसे बड़े पर्दे के लिए बनाया जा रहा है तो मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह दर्शकों को बांधे रखेगी.”

क्या थी पूरी घटना 

वर्ष 1992 में यह खुलासा हुआ कि राजस्थान के Ajmer में 250 से अधिक लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया और उन्हें ब्लैकमेल किया गया. यह सब फारूक चिश्ती द्वारा सोफिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल की एक छात्रा को तैयार करने और उसके साथ बलात्कार करने से शुरू हुआ. उसने नाबालिग की आपत्तिजनक तस्वीरें खींच लीं और उसे दूसरी लड़कियों को अपने साथ मिलाने की धमकी दी. बाद में उन लड़कियों के साथ दुष्कर्म कर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था. फारूक चिश्ती अजमेर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष था जबकि दो अन्य आरोपी नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती शहर कांग्रेस इकाई के क्रमशः उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव थे.

फारूक चिश्ती और उसके गिरोह द्वारा वर्षों तक कई लड़कियों को फंसाया गया, उनका यौन शोषण किया गया और उन्हें ब्लैकमेल किया गया.इसमें राजनीतिक संबंधों वाले क्षेत्र के कई प्रभावशाली पुरुष भी शामिल थे. चूंकि मुख्य अपराधी खादिमों से जुड़े थे, जो अजमेर दरगाह के धार्मिक देखभालकर्ता थे, और उनके पास शक्ति और राजनीतिक संबंध थे इसलिए इस मामले को पुलिस ने दबा दिया था

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