Kangra Airport: हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने कांगड़ा हवाई अड्डे (Kangra Airport) के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण को भी मंजूरी दे दी है बताया तो ऐसा जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में 2000 करोड रुपए का खर्च अनुमानित होना तय है. जिसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है. संभावना है तो ऐसी जताई जा रही है की विस्तारित कारण प्रक्रिया में जहां एक और विकास की संभावना है तो दूसरी ओर ग्रामीणों के जीवन पर भी इसके प्रभाव देखने को मिल सकते हैं.
दरअसल राज्य सरकार और संबंधित प्राधिकरणों को इस विस्तारीकरण के लिए आगे आने से पहले इन चिताओं का समाधान भी करना पड़ेगा ताकि विकास और स्थानीय समुदाय के हित में संतुलन को बनाया जा सके. ऐसा इसलिए है क्योंकि विस्तारीकरण प्रक्रिया में विकास होना तो संभव है लेकिन दूसरी ओर ग्रामीणों के जीवन पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है जिसको लेकर गंभीर चिंताएं भी लगी हुई है.
प्रभावित होंगे कांगड़ा और शाहपुर परिवार
दरअसल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा एयरपोर्ट (Kangra Airport) के विस्तार के लिए 14 गांव के लगभग 1400 से अधिक परिवार प्रभावित होंगे वहीं सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट ने इस एयरपोर्ट विस्तारीकरण के प्रभाव का आकलन भी किया है और बताया है कि एक सर्वे रिपोर्ट प्रदेश की सरकार को सौंप दी गई थी.
वही गगल एयरपोर्ट के वीरतारिकरण के लिए जरूरी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और इसके लिए अनुमानित लागत के संदर्भ में जब ग्रामीणों से व्यापक विरोध देखने को मिला तब किसान और ग्रामीणों का कहना था कि हवाई अड्डे के विस्तार से उनकी उपजाऊ जमीन और आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
एयरपोर्ट रनवे को 3100 मीटर तक बढ़ाया जा रहा है
फिलहाल एयरपोर्ट का रनवे 1370 मीटर है. विस्तार के बाद रनवे 3100 मीटर का होना है। विस्तार से एयरपोर्ट क्षेत्र पुराना मटौर तक पहुंच जाएगा। योजना के तहत प्रभावित होने वाले लोगों की जमीन चिन्हित कर ली गई है।
राज्य में तीन हवाई अड्डे हैं
सदन में विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि प्रदेश में फिलहाल तीन एयरपोर्ट हैं. इसमें कांगड़ा हवाई अड्डा सबसे महत्वपूर्ण है। हवाई अड्डा साप्ताहिक 70 उड़ानें प्रदान करता है। इसके महत्व को देखते हुए विस्तार किया जा रहा है। एयरपोर्ट के विस्तार पर 10,995 करोड़ रुपये खर्च होंगे. आईआईटी रूड़की और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ विस्तार प्रक्रिया को अंतिम मंजूरी देंगे।
जहां तक विस्तारीकरण से प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की बात है तो इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन योजना तैयार की जा रही है। योजना के तहत काम पूरा होने के बाद ही भूमि अधिग्रहण की लागत का पता चलेगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कुल्लू हवाई अड्डे के रनवे को चौड़ा किया जा रहा है.