Former PM Narasimha Rao received ‘Bharat Ratna’: केंद्र की सरकार ने हाल ही में लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न प्रदान किया है और अब खबर ऐसी भी सामने आ रही है कि अब केंद्र की सरकार ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को मरणोपरांत भारत रत्न देने का ऐलान किया है. जी हां इस बारे में खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ही एक्स पर जानकारी दी है. जहां एक तरफ अब केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भारत रत्न दे रही है तो वहीं दूसरी ओर उनकी खुद की पार्टी ने उनके शव को कांग्रेस मुख्यालय तक भी नहीं भेजा।
Former PM Narasimha Rao received ‘Bharat Ratna’..
देश के प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का ऐलान करते हुए उनको याद करते हुए कहा है कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पूर्व प्रधान मंत्री श्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में, नरसिम्हा राव ने विभिन्न पदों पर रहते हुए शानदार तरीके से भारत की सेवा की. उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है. उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था.’
Delighted to share that our former Prime Minister, Shri PV Narasimha Rao Garu, will be honoured with the Bharat Ratna.
As a distinguished scholar and statesman, Narasimha Rao Garu served India extensively in various capacities. He is equally remembered for the work he did as… pic.twitter.com/lihdk2BzDU
— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2024
नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी में 36 का आकंड़ा?
देश के दसवें प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी के रिश्तो में तल्खी थी. जानकारी के अनुसार, नरसिम्हा राव कांग्रेस पार्टी के ही नेता थे हालांकि उन्होंने सोनिया गांधी का भरोसा बिल्कुल ही खो दिया था और फिर जीते जी ही नहीं बल्कि करने के उपरांत भी पीवी नरसिम्हा राव की डेड बॉडी को भी इसका अंजाम होगा अपना पड़ा था. दरअसल 23 दिसंबर 2004 को नरसिम्हा राव की मृत्यु हुई थी तो उसे समय ना तो उनका शव कांग्रेस के मुख्यालय लाया गया था और ना ही दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार करवाया गया था ऐसे में कांग्रेस के अंदर और कांग्रेस के बाहर लोग यही मन लग गए थे कि इस फैसले के लिए केवल और केवल एक ही इंसान जिम्मेदार था वह खुद सोनिया गांधी थी जिन्होंने अपने ही बनाए हुए प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार में भी भाग लेना सही नहीं समझा।
Bharat Ratna Lal Krishna Advani कितने संपत्ति के हैं मालिक.!