सीधा बिहार सरकार से पंगा लेने वाले मनीष कश्यप की हुई बड़ी जीत जेल से होंगे रिहा।

बिहार के मशहूर यूट्यूबर मनीष कश्यप के फैंस के लिए अच्छी खबर है. मनीष कश्यप गुरुवार यानी 21 दिसंबर को पटना के बेउर जेल से बाहर आ सकते हैं. मनीष कश्यप करीब 9 महीने से जेल में हैं. इनमें से कुछ महीनों तक वह तमिलनाडु की जेल में भी बंद रहे. मनीष कश्यप को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. आर्थिक अपराध शाखा के दो मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है.

बेउर जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप को अब सिविल कोर्ट से सभी मामलों में जमानत मिल गई है. उनके गुरुवार को जेल से रिहा होने की संभावना है. दरअसल, तमिलनाडु के एक फर्जी वीडियो के मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप ने 18 मार्च 2023 को सरेंडर कर दिया था. वह कुछ महीनों तक मदुरै जेल में रहे, फिर उन्हें पटना की बेउर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। तब से वह बेउर जेल में बंद हैं. अब सभी मामलों में जमानत मिलने के बाद उम्मीद है कि मनीष कश्यप 21 दिसंबर को जेल से बाहर आ जाएंगे.

मदुरै कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है.

मनीष कश्यप के भाई करण कश्यप ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ा दिन है. हम इस दिन का काफी समय से इंतजार कर रहे थे.’ मनीष भैया को तमिलनाडु में दर्ज मामले में मदुरै कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी थी. बिहार में दर्ज मामलों को लेकर पटना हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी. हाई कोर्ट ने बुधवार को मनीष भैया को जमानत दे दी. आर्थिक अपराध शाखा के दो मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी. अब मनीष भैया जल्द ही जेल से बाहर आ जायेंगे.

मनीष कश्यप के परिवार में खुशी का माहौल

जानकारी के मुताबिक, मनीष कश्यप गुरुवार दोपहर को बेउर जेल से रिहा हो सकते हैं. इस समय उनके परिवार में खुशी का माहौल है. उनके छोटे भाई करण कश्यप ने कहा कि सचमुच मेरे राम कल आ रहे हैं. हम दोनों भाई अब अपनी मां के साथ रहेंगे और उनका बेटा मनीष पूरे बिहार में रहेगा. बेउर जेल प्रशासन ने बताया कि मनीष कश्यप की रिहाई के कागजात अभी तक जेल नहीं पहुंचे हैं. चेन्नई और मदुरै कोर्ट से इजाजत लेने के बाद ही मनीष को रिहा किया जाएगा.

जानिए किस मामले में फंसे थे मनीष कश्यप

तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले का कथित वीडियो शेयर कर यूट्यूबर मनीष कश्यप मुसीबत में फंस गए हैं. वीडियो वायरल होने के बाद तमिलनाडु सरकार हरकत में आई। यहां तक कि तमिलनाडु के तत्कालीन डीजीपी शैलेन्द्र बाबू ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए वीडियो को भ्रामक बताया था. इसी मामले को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने भी मनीष कश्यप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी.

पुलिस ने छापेमारी की तो मनीष कश्यप भाग निकला. जब बेतिया पुलिस ने मनीष के घर की जब्ती शुरू की तो उसने स्थानीय थाने में आत्मसमर्पण कर दिया. आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने मामले को अपने कब्जे में लेते हुए मनीष से पूछताछ की और उसे जेल भेज दिया. तमिलनाडु पुलिस की टीम पटना पहुंची और 30 मार्च 2023 को ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ तमिलनाडु ले गई। बाद में उसे पटना के बेउर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। तब से वह यहीं बंद हैं।

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