यह एक ऐसी मांग थी जो कुछ समय के लिए तमाम मुद्दों के बाद भी सोशल मीडिया की सुर्खियों में बनी रही थी। राजनीति के दौरान किसी भी पद या प्रतिष्ठा के खिलाफ बोलना हमेशा से विपक्ष का काम रहा है, लेकिन इस विरोध को इस हद तक व्यवस्थित करें कि सत्य को अपने विरोध के दायरे में अनन्त और देवी-देवताओं के लिए ले जाना कहीं न कहीं दिखावा है। वह विरोध सिर्फ मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का नहीं है, बल्कि विपक्ष हिंदू – हिंदुत्व, संस्कार – परंपराओं, देवताओं और देवी-देवताओं का है। ऐसे में जनता का उठना स्वाभाविक था।
गौरतलब है कि आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने जनाक्रोश को समय रहते भांप लिया और मुख्यमंत्री के विरोध से शुरू हो कर देवी-देवताओं तक पहुंच गए पंकज पुनिया के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआई आर दर्ज कर ही लीकी है।
सभी देशभक्त लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे और यह खबर उनके लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है क्योंकि उनकी धार्मिक भावनाएं बहुत आहत थीं। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने हिंदू और हिंदू धर्म का विरोध किया है, इससे पहले भी भगवा आतंक के नाम पर कई फौजियों व संत महात्माओं के साथ जो अमानवीय व्यवहार किया गया वह अभी तक यदा-कदा लोगों के मन में जेहन में जाग जाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विवाद के बीच, कांग्रेस नेता और AICC सदस्य पंकज पुनिया के अभद्र ट्वीट को लेकर देश भर में काफी हंगामा हुआ है। कल ट्विटर पर पंकज पुनिया ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के बारे में अभद्र टिप्पणी की जिसके बाद सोशल मीडिया पंकज पूनिया को गिरफ्तार करने की लगातार मांग कर रहा था।
प्रभु श्री राम पर बेहद आपत्तिजनक और अश्लील टिप्पणी करते हुए राम भक्तों को गुस्सा आया। पंकज पुनिया को गांधी परिवार का बहुत खास माना जाता है। पंकज पुरिया के ट्वीट को लेकर यूपी की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। मामला धारा 153 (ए), 295 (ए), 505 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 67 के तहत दर्ज किया गया है।