JDU: बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार का एक बयान आज उनपर काफी भारी पड़ गया है. क्यूंकि आज से कुछ वक़्त पहले यानि की जनवरी के महीने में नितीश कुमार ने एक बयान में कहा था की ‘जो जाना चाहते हैं, वो चले जाएं…’ जिसके बाद करीब 6 बड़े नेताओं ने जेडीयू का दामन छोड़ दिया। जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व सांसद मीना सिंह और माधव आनंद जैसे बड़े नाम शामिल हैं. ये वो नाम है जिन्होंने आज से कुछ वक़्त पहले नितीश का साथ छोड़ा था, लेकिन हालिया समय में जिसने जेडीयू के साथ-साथ नितीश कुमार से भी नाता तोड़ा है उनका नाम फायरब्रांड प्रवक्ता सुहेली मेहता है. सुहेली मेहता करीब 6 महीने से पार्टी में साइड लाइन चल रही थीं.
JDU: कौन है सुहेली मेहता?
पटना यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर सुहेली मेहता “कुशवाहा” जाति से आती हैं और जेडीयू में उन्हें आरसीपी सिंह गुट का माना जाता रहा है. इस्तीफा देते हुए मेहता ने कहा था कि “नीतीश कुमार अब अपराधियों के बदौलत सरकार चला रहे हैं” सुहेली मेहता ने जेडीयू हाईकमान पर सवाल उठाते हुए ये भी कहा था कि पार्टी अपने मूल धारणा से भटक गई है, मेहता ने आगे कहा कि जेडीयू की बागडोर अब चापलूसों की हाथ में है. सुहेली मेहता 2015 में परबत्ता सीट से भी चुनाव लड़ चुकी हैं. लेकिन वो जीतने में कामयाब नहीं हो पाई थीं. जिसके बाद सुहेली मेहता को 2016 में आरसीपी सिंह ने जेडीयू में शामिल कराया था. इसके बाद उन्हें प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौपी गई थी.
JDU: मेहता से पहले इन लोगों ने छोड़ा था जेडीयू का दामन.
उपेंद्र कुशवाहा- पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता था. कुशवाहा ने फरवरी 2023 में जेडीयू से इस्तीफा देते हुए खुद की पार्टी बना ली. कुशवाहा उस वक्त अकेले नहीं बल्कि अपने साथ जेडीयू के कई नेताओं को भी तोड़कर ले गए थे.
मीना सिंह- आरा की पूर्व सांसद मीना सिंह ने अवहेलना का आरोप लगाते हुए मार्च 2023 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
माधव आनंद- जेडीयू में प्रवक्ता रहे माधव आनंद ने उपेंद्र कुशवाहा के साथ ही पार्टी छोड़ दी थी. आनंद को कुशवाहा का काफी करीबी माना जाता है जैसे कुशवाहा को नितीश कुमार का करीबी माना जाता था.
राशि खत्री- जेडीयू की प्रदेश सचिव राशि खत्री ने मार्च में अपने समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था.
शंभुनाथ सिन्हा- जेडीयू के प्रदेश महासचिव रह चुके शंभुनाथ सिन्हा ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ मार्च ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. सिन्हा ने पार्टी की कमजोर होती स्थिति पर सवाल उठाया और कहा कि 80 लाख कार्यकर्ता कम्प्यूटर में ही बंद हैं.
सुहेली मेहता- सुहेली मेहता 2015 में परबत्ता सीट से भी चुनाव लड़ चुकी हैं. हालांकि, जीतने में कामयाब नहीं हो पाई थीं. 2016 में उन्हें आरसीपी सिंह ने जेडीयू में शामिल कराया था. इसके बाद उन्हें प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई थी.
नीतीश की पार्टी का क्यों छोड़ा जा रहा है साथ ?
महागठबंधन में आने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी में भगदड़ जैसी स्थिति बनी हुई है. हाईकमान पर सवाल उठा कर नेता पार्टी छोड़ भाग रहे हैं. नेताओं के पार्टी छोड़ने पर जेडीयू हाईकमान ने चुप्पी साध रखी है और कोई भी बयान देने से बच रही है.