
पहली तस्वीर असम की हैं जिसमे यूथ कांग्रेस के लोग एक पुलिस वाले को आग में झोंकने की कोशिश कर रहें हैं. इस आतंकवादी की मानसिकता वाले लोगों को संसद में आपने गाँधी और अहिंसा के बड़े-बड़े भाषण सुनते जरूर देखा होगा. सोशल मीडिया का जमाना अगर 1984 में भी होता तो आपको ऐसे ही कांग्रेस के झंडे पकडे कुछ लोग सिखों को ज़िंदा जलाते हुए दिख जाते. वक़्त भले ही बदल गया है और 1984 से 2019 हो गया है लेकिन कांग्रेस की मानसिकता आज भी वही हैं.?
देश की वामपंथी मीडिया और कुछ राजनैतिक दलों ने अफवाह उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी की, नागरिकता संशोधन बिल भारतीय मुसलमानों को भगाने की साजिश हैं. जबकि यह बिल बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भारत में आए मुसलमानों के देश से बाहर रखने की हैं, क्योंकि उनको पहले ही हम अलग देश बनाकर दे चुके हैं.
लेकिन कुछ राजनैतिक दलों और वामपंथी मीडिया को साथ अवैथ रूप से भारत में रह रहें मुसलमानों का मिला. नतीजा आज बंगाल जल रहा हैं और ममता बनर्जी ने पुलिस के हाथ बाँध रखे हैं. वही सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रहा हैं जिसमे पश्चिम बंगाल के एक स्टेशन से गुजरती ट्रेन को जेहादी निशाना बना लेते हैं.
ट्रैन के ड्राइवर की सूझ-बूझ के चलते ट्रैन को तेजी से वहां से भगा लिया जाता हैं. अन्यथा कल की अख़बारों में आपको गोधरा ट्रेन काण्ड का पार्ट 2 देखने को मिल सकता था.
वहीं एक अन्य वीडियो में आप देख सकते हैं की किस तरह से मुसलमान बंगाल के ही उलुबेरिया स्टेशन पर ट्रेन की पटरियों पर अवरोधक पैदा करके ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहें हैं.
Itna peacefool protest dekha hai kabhi? Inke saamne to bade bade Buddhist Monk bhi noise pollution jaise lagenge! Yeh Uluberia Station, Howrah mei hai.
pic.twitter.com/ziZ7t86hzH— Shash (@pokershash) December 14, 2019
क्या इनको नहीं पता होगा की अगर ट्रेन पटरी से उतरेगी तो कई लोगों की जान जाएगी? यह सारी घटनाएं शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हैं, तो क्या इस घटना को अंजाम देने के लिए मस्जिद से किसी तरह का सन्देश मिला था?
In name of #CABProtests , #Bengal is allowed to burn, literally. pic.twitter.com/MpvIY28u3z
— Anindya (@AninBanerjee) December 13, 2019
खैर, वामपंथी मीडिया बंगाल में हालात शांतिपूर्वक बताने का भरपूर प्रयास कर रही हैं. लेकिन सोशल मीडिया के जमाने में अब चीजों को छुपाना या फिर झूठ की दीवारें खड़ी करना मुमकिन नहीं.