
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पहले ही यह बात साफ़ कर दी थी, अगर कोई इंसान हमें हिंसा फैलाता हुआ पाया गया. हम उसकी संपत्ति को जब्त करके ही हिंसा में हुए नुक्सान की भरपाई करेंगे. हालाँकि कुछ लोगों ने योगी आदित्यनाथ जी की इस सूचना को मात्र एक भाषण समझा.
शायद यही कारण था की, योगी आदित्यनाथ जी की चेतावनी के बाद भी लोगों ने हिंसक प्रदर्शन करन शुरू किया. अब खबर आ रही हैं की, गिरफ्तार हुए 100 से अधिक लोगों में से 47 लोगों के पास अपनी दुकाने थी. अब उन्हें सरकारी नुक्सान की भरपाई के लिए जुर्माने की रकम तय तारिख पर जमा करवानी होगी, अन्यथा उनकी दुकानों की नीलामी करके उस रकम की वसूली की जाएगी.
मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी सतपाल ने मीडिया से बात चीत करते हुए बताया की “हमने हिंसा के दौरान जो वीडियोग्राफी की थी उसके आधार पर इन उपद्रवियों की पहचान की गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले इन लोगोें की दुकानों को प्रशासन ने अब सील कर दिया है.”
उसके बात डीजीपी ओपी सिंह ने भी ब्यान देते हुए कहा की, “प्रारंभिक जांच में कल हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान बाहरी तत्वों की मौजूदगी का पता चला है. हम सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है. उन सभी क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं जहां वरिष्ठ अधिकारियों ने जरूरत देखी.”
फिर मेरठ के आईजी आलोक सिंह का भी ब्यान आया और उन्होंने बताया, “पूरे मेरठ रेंज में 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शुक्रवार को हुई हिंसा में 35 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. मेरठ रेंज में हिंसा के दौरान 2 लोगों की मौत हुई है, 2 लोग लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं.”
हिंसा फैलाने वाले लोगों की हुई मौतों की बात करें तो अबतक 10 की मौतें हो चुकी हैं जिसमे से संभल – 2, मेरठ -2, बिजनौर – 2, वाराणसी – 1, फिरोजाबाद – 1(इलाज के दौरान आगरा मेडिकल कॉलेज में हुई मौत), कानपुर – 1, आगरा – 1 यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, और हिंसक प्रदर्शन करने वालों को समझना चाहिए की 10 के बाद 11वां नंबर उनका भी हो सकता हैं.
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने पुनः इस बात को दोहराया है कि जहां भी सार्वजनिक संपत्ति को उपद्रवियों ने क्षति पहुंचायी है, उस संपत्ति की भरपाई, वीडियो फुटेज तथा अन्य पुष्ट प्रमाणों के आधार पर चिन्हित किए जा रहे उपद्रवियों की संपत्तियों को जब्त करके की जाए।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 21, 2019
क्योंकि उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने साफ़ तौर पर कह दिया है की, “जिन्होंने हिंसा फैलाई है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.” इस हिंसा के मामले में एक रिटायर आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को परिवर्तन चौक लखनऊ हिंसा मामले में हज़रतगंज कोतवाली ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया हैं.