
भारत में राम भक्तों की कमी नहीं हैं, फिर चाहे वो कोई गरीब हो या फिर कोई बहुत बड़ा बिज़नेस मैन. यह बात साबित करती एल एंड टी कंपनी, सूत्रों की माने तो एल एंड टी ने राम मंदिर को फ्री में बनाने का प्रस्ताव पेश कर दिया हैं.
एल एंड टी वही कंपनी हैं जिसने गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा बनाई थी. एल एंड टी एक भारतीय कंपनी हैं, लेकिन कांग्रेस और उनके गुलामों ने फिर भी या अफवाह फैलाई थी की सरदार पटेल की मूर्ति चीन ने बनाई हैं.
खैर अगर बात करें राम मंदिर की तो चंपत राय का कहना हैं की, “राम मंदिर के तकनीकी और निर्माण कार्य को करने के लिए एक एजेंसी में रोपिंग का अंतिम निर्णय न्यासी बैठक के बोर्ड में लिया जाएगा”
आपको बता दें की राम मंदिर का निर्माण 67 एकड़ की जमीन पर होना हैं, 270 फुट ऊँचा यह मंदिर नगर शैली में किया जाएगा, आपको बता दें की यह नगर शैली भारतीय वास्तुशैली का हिस्सा हैं.
इसको लेकर राम जन्मभूमि न्यास के एक वरिष्ठ सदस्य और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के शिष्य महंत कमल नयन दास का कहना हैं की, “नगर शैली का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि ध्वस्त होने से पहले मूल राम मंदिर भी इसी शैली में था.”
पुरे मंदिर का निर्माण भारत के पुराने समय के अनुसार पत्थरों के खम्बों और पत्थरों की स्लैबों से किया जायेगा. इस तकनीक में लोहे और सीमेंट का इस्तेमाल नहीं होता, यह तकनीक मंदिर के ढांचे को हजारों साल तक खड़ा रख सकने में मदद करती हैं और भूकंप जैसी स्थिति में भी मंदिर का ढांचा वैसा का वैसा ही रहता हैं.

अब देखना यह होगा की एल एंड टी को यह प्रोजेक्ट दिया जाता हैं या नहीं. इसके लिए दूसरी मीटिंग मार्च के दूसरे हफ्ते में होगी, उसके बाद ही बोर्ड यह निर्णय लेगा की इस मंदिर के निर्माण के लिए किस कंपनी को ठेका देना हैं और वो कंपनी इस पुरे निर्माणकार्य के लिए कितना समय मांगती हैं.