
आज सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बैन को सख्त टिप्पणी कर दी हैं. उन्होंने कहा है की अब जम्मू कश्मीर में आप बिना किसी गंभीर कारण के इंटरनेट पूरी तरह से बंद नहीं रख सकते. इस टिप्पणी को मोदी सरकार और विपक्षी दल दोनों ही अपनी-अपनी जीत बता रहें हैं.
खैर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है की, “लंबे वक्त तक इंटरनेट पर पाबंदी नहीं लगाया जा सकता. पाबंदियों की कोई पुख्ता वजह का होना जरूरी है. इंटरनेट लोगों की अभिव्यक्ति का अधिकार है. यह आर्टिकल 19 के तहत आता है.”
धारा 144 पर भी टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की, “देश में कहीं भी लगातार धारा 144 को लागू रखना सरकार द्वारा शक्ति का दुरुपयोग है. पाबंदी से संबंधित सभी फैसलों को सार्वजनिक करना चाहिए.”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की, आप अनिश्चित काल तक इंटरनेट को बंद नहीं रख सकते. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा दायर इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है की, केंद्र सरकार हो हर हफ्ते वहां के हालातों की समीक्षा करके इंटरनेट पर संज्ञान लेना चाहिए.
उन्होंने बीच-बीच में इंटरनेट सेवा बहाल करके देखना चाहिए की किन इलाकों में इसका दुरोप्योग कम हुआ है, उस हिसाब से उन इलाकों में इंटरनेट सेवा को बहाल कर देना चाहिए. जैसा की आप सब जानते हैं 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. जिसके बाद से ही वहां की स्थिति न बिगड़े इसलिए वहां पर इंटरनेट बंद करके रखा हुआ हैं.