
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में गांधी जी के पुजारी गाँधी जी के विचारों की ऐसी धज्जियाँ उड़ा रहे हैं की, सारी दुनिया उन्हें देख रही हैं. वामपंथी मीडिया और पढ़े लिखे छात्र इस हिंसा में फेक न्यूज़ के जरिया घी डालने का लगातार काम भी कर रहे हैं.
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने भी शाहीन बाग़ के मुद्दे पर अपना पल्ला छोड़ते हुए, दिल्ली पुलिस को अपना काम करने की इज्जाजत दे दी हैं. दिल्ली हिंसा पर भी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा है की दिल्ली में दुबारा 1984 जैसे हालात नहीं बनने देंगे.
अमेरिका के राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान भारत के हालात गंभीर हैं, इसको लेकर मुस्लिम समाज ने भरपूर प्रयास किया अंतराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान अपनी और आकर्षित करने का. लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति से जब नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सवाल पुछा गया उन्होंने कहा की, यह भारत का आतंरिक मामला हैं.
ऐसे में सवाल यह भी हैं की क्या यह पूरा दंगा पहले से प्लान था? इसका जवाब आपको निचे दिए वीडियो में मिल सकता हैं. इस वीडियो में आप देख सकते हैं की किस प्रकार एक महिला बुरका पहने खड़ी हुई हैं और दंगा करने वाले एक युवक के हाथ में हथ्यार थमा रही हैं.
ये बहुत बड़ी साज़िश है @AmitShah जी ?
बुर्का पहनकर बांट रही है दंगाइयों को हथियार। pic.twitter.com/gPgZjsbnkF
— Pooja Sharma (@mesharmapooja) February 26, 2020
इसी हथ्यार से अगर युवक किसी की जान ले ले तो आप किसे दोषी मानेंगे? अगर पुलिस की क्रॉस फायरिंग में यही युवक मर जाये तो आप किसे दोषी मानेंगे? विपक्ष और पक्ष दोनों और से हुई बयानबाज़ी के चलते आज दिल्ली का माहौल भले ही ख़राब हैं, लेकिन सवाल यह है क्या बयान देने भर मुस्लिम समाज में घरों की छतों पर पथ्थर इक्क्ठा कर लिए? घर में तेज़ाब रखा सेना पर फेंकने के लिए? बंदूके और गोलियां खरीद ली?
नहीं, सच तो यह है की दंगा करवाए जाने की तयारी पहले से ही थी. बस इंतजार था तो किसी ऐसे भाषण का जिसके बाद पूरा दंगा उस नेता के भाषण के इर्द-गिर्द होकर सिमिट जाये. शायद इस तरह से बलि का बकरा बने बीजेपी के कपिल मिश्रा.