
जेडयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने खुले तौर से नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अपनी पार्टी के खिलाफ विरोधी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. इसी को लेकर प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीटर पर लिखा है की, “संसद में बहुमत कायम रहा. अब न्यायपालिका से परे, भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी 16 राज्यों के गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों की है. क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं जहां इस बिल को लागू करना है. तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम) ने सीएबी और एनआरसी को नकार दिया है. अब समय आ गया है कि दूसरे गैर-भाजपा राज्य के मुख्यमंत्री अपना रुख स्पष्ट करें.”
इस ट्वीट से पहले प्रशांत किशोर पहले ही ब्यान दे चुके थे की, “पार्टी को जो करना है करे, मुझे जो कहना है कहता रहूंगा.” उसके बाद जेडीयू में प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद विवाद भी हुआ और उस विवाद के बीच में फिर भी प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर दिया और कहा की, “हमें बताया गया है कि यह बिल नागरिकता देने के लिए है. न कि किसी का अधिकार छीनने के लिए. सच यह है कि एनआरसी के साथ मिलकर ये घातक साबित हो सकता है.”
लोकसभा के बाद राज्यसभा में जेडीयू द्वारा नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन देने को लेकर उन्होंने ट्वीट में लिखा है की, “इस बिल का समर्थन निराशाजनक है, जो धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. यह जदयू के संविधान से मेल नहीं खाता, जिसके पहले पन्ने पर ही 3 बार धर्मनिरपेक्ष लिखा है.”
वही जेडयू के कुछ नेता प्रशांत किशोर का बचाव कर रहे हैं और ज्यादातर नेता नितीश कुमार के साथ हैं. ऐसे में मीडिया सूत्रों की माने तो प्रशांत किशोर आने वाले समय में जेडयू के लिए घातक साबित हो सकते है और जेडयू से एक बड़ा धड़ा अलग कर सकते हैं.
The majority prevailed in Parliament. Now beyond judiciary, the task of saving the soul of India is on 16 Non-BJP CMs as it is the states who have to operationalise these acts.
3 CMs (Punjab/Kerala/WB) have said NO to #CAB and #NRC. Time for others to make their stand clear.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 13, 2019
फिलहाल देखना यह होगा की विधानसभा चुनावों को देखते हुए एनडीए से दोस्ती निभाने की त्यारी करने वाली नितीश की जेडयू क्या इन्हीं चुनावों के बीच में बट जाएगी? या फिर नितीश कुमार हर बार की तरह मोर्चा संभालते हुए अपनी पार्टी को एक साथ रखेंगे और प्रशांत किशोर को पार्टी से अलग कर देंगे.