
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही उन्होंने सबसे पहले मांग की है की बीजेपी को फ्लोर टेस्ट करने का मौका आज के आज ही देने का आदेश जारी करें.
आपको बता दें की याचिकाकार्ता की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की कोर्ट में पेश हुए थे. वहीं बीजेपी और अजित पवार की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पहुंचे थे.
इसके इलावा कांग्रेस नेता पृथ्वराज चव्हाण और रणदीप सुरजेवाल भी सुप्रीम कोर्ट में मजूद हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कागज़ी कार्यवाही के दौरान सब को नोटिस जारी कर कुछ न कुछ इस मसले से जुड़े कागज़ इकठ्ठा करने को कहा है.
इसी के साथ मनु सिंघवी ने ब्यान कोर्ट को 1998 उत्तर प्रदेश, 2018 कर्णाटक आदि का उदाहरण दिया और इसके साथ ही उन्होंने गोवा, कर्णाटक, मध्यप्रदेश जैसे लाइव टेलीकास्ट का भी जिक्र किया. मनु सिंघवी ने कहा है की फ्लोर टेस्ट लाइव होना चाहिए जिससे पूरा देश यह देख सके ही बीजेपी ने आखिर कैसे और किस आधार पर अपना मुख्यमंत्री बनाया है.
वहीं बीजेपी और अजित पवार के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अपील की है की सुप्रीम कोर्ट क्या राज्यपाल के निर्णय को पलटते हुए तत्काल फ्लोर टेस्ट की इजाजत देगी, तो इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम ऐसे कई मामले पहले भी सुलझा चुके है.
राज्यपाल किसी को भी ऐसे ही मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं दिलवा सकता, अगर देवेंद्र फडणवीस के पास विधायकों का आंकड़ा मजूद नहीं था तो राज्यपाल ने उन्हें शपथ क्यों दिलवाई? अगर मजूद है तो फ्लोर टेस्ट पहले हो या बाद में इससे क्या फर्क पड़ता है?

फिलहाल आज की सुनवाई ख़त्म करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कल दोनों पार्टियों को अपने-अपने कागज़ पुरे करने को कहा है. इसके साथ ही इस बात की पूरी उम्मीद है की सुप्रीम कोर्ट अगले 24 घंटों में फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दे देगी.