दया याचिका का कोई मतलब नही, निर्भया के आरोपियों को फांसी तय: सुप्रीम कोर्ट

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आज देशवासियों की उम्मीदों और निर्भया की आत्मा को जरूर शान्ति मिली होगी, जब निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के बलात्कारी और हत्यारे की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके साथ भी अब यह तय हो गया की इन लोगो का फांसी की सज़ा होना तय है उसे बदल कर उम्र कैद में तब्दील नहीं किया जाएगा.

अब सुप्रीम कोर्ट किसी में कोई पुनर्विचार याचिका नहीं डाल सकता क्योंकि पहले ही तीनों आरोपियों की पुनर्विचार याचिका खारिज की जा चुकी हैं. उन आरोपियों की पुनर्विचार याचिका राष्ट्रपति द्वारा भी खारिज की जा चुकी है यानी अब आरोपी अक्षय की याचिका राष्ट्रपति जी के पास जानी रह गयी है.

उधर पटियाला हाईकोर्ट में भी आज निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की तारिख तय करने को लेकर सुनवाई हो रही हैं. जिससे यह तो साफ़ है की, फांसी की कानूनी प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगेगा और जल्द ही फांसी की तारिख तय की जाएगी.

अगर तिहाड़ जेल के सूत्रों की बात करें तो फांसी घर की साफ़ सफाई की जा रही हैं, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी लगातार अपना काम कर रहें हैं. इससे यह भी साफ़ होता है की अब अगर फांसी की तारिख का ऐलान होता है तो तिहाड़ जेल के अधिकारी अब या नहीं कह सकते अभी हम त्यार नहीं हैं.?

इससे पहले तिहाड़ जेल के अधिकारीयों से सुप्रीम कोर्ट ने लिखित जवाब माँगा था की अभी तक निर्भया के आरोपियों को सज़ा क्यों नहीं दी गयी. उधर देश के राष्ट्रपति जी ने भी कहा है की भारत की सरकार कानून बनाए की पोस्को एक्ट के तहत मिली फांसी की सज़ा में दया याचिका का प्रावधान न हो.

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