
जैसा की हम सब जानते हैं, भारत में अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प आ चुके है और वह कुछ दिन भारत में रहकर दोनों देशों के रिश्ते मजबूत करने की कोशिश करेंगे. लेकिन हर बात पर नाराज़ रहने वाले विपक्ष को भी नाराज़ होने का मौका मिला.
आपको बता दें की दिल्ली में जब डॉनल्ड ट्रम्प अपने राजनितिक कार्यों में व्यस्त होंगे तब उनकी पत्नी दिल्ली के सरकारी स्कूलों का दौरा करेंगी. यह दौरा उनकी NGO के मकसद से होने वाला हैं, न की किसी राजनितिक कारणों से और इसीलिए अमेरिका के उन लोगों ने जिन्होंने डॉनल्ड ट्रम्प और उनके परिवार का शेड्यूल बनाया उन्होंने दिल्ली के मुख्यम्नत्री और शिक्षा मंत्री को नहीं बुलाया.
इस पर भी राजनीती होना शुरू हो गया और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बिना किसी तथ्य को जाने इसके पीछे मोदी सरकार की साजिश होने की आशंका बता दी. जिसके जवाब में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने जवाब देते हुए कहा की, “राष्ट्रहित वाले मुद्दों पर ‘स्तरहीन या ओछी’ राजनीति नहीं होनी चाहिए. मोदी सरकार अमेरिका को नहीं बताती की वह किसे आमंत्रित करें और किसे नहीं, यह फैसला अमेरिका की सरकार खुद करती हैं कि उसे अपने कार्यकर्म में किसे बुलाना हैं और किसे नहीं.”
उधर अमेरिका ने भी बयान जारी करते हुए कहा की, “मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री की मौजूदगी से कोई आपत्ति नहीं हैं, हम उनकी स्वीकृत का सम्मान करते हैं, यह कोई राजनितिक इवेंट नहीं हैं. इसलिए बेहतर होगा की शिक्षा, स्कूल और छात्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाए.”
उसके बाद मनीष सिसोदिया ने खुद आकर बयान दिया और कहा की, “अमेरिका की प्रथम महिला दिल्ली के स्कूल का दौरा कर रही हैं, ये दिल्ली की सरकार, सरकार के शिक्षकों और स्टूडेंट्स के लिए गर्व की बात हैं, अगर हमें मौका मिलता तो हम मेलानिया ट्रम्प को व्यक्तिगत रूप से रिसीव करने और हैप्पीनेस क्लास के बारे में बताकर ख़ुशी होती.”
खैर अब जैसा की अपने देखा अमेरिका, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता अपना-अपना पक्ष रख चुके हैं. इसके बावजूद बीजेपी और आम आदमी पार्टी के समर्थक इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर आपको बहस करते हुए नज़र आएंगे, क्योंकि अफवाहों का दौर चालु हैं. जिससे हम आपको बचने का सुझाव देंगे.