मिलिए उससे जिसने फ्री पानी और बिजली के लिए दिल्ली में केजरीवाल को चुना था, शांतिदूतों ने उसे भी नही छोड़ा

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कहते है, आपके अपने घर के अंदर परिवार के सदस्यों के साथ कितने भी मतभेद हों. लेकिन घर के बाहर लोगों की नज़र में आप एक ही परिवार हैं. यही कारण हैं की वैसे तो मुस्लिम नेता जय भीम, जय मीम का नारा बहुत जोर-शोर से देते हैं, लेकिन वही मुस्लिम नेता फिर अपने भाषणों 25 करोड़ बनाम 100 करोड़ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.

दंगे होने की सूरत में किसी वाहन को जलाये जाने के दौरान यह नहीं देखा जाता की आप को सपोर्ट करते या बीजेपी को या कांग्रेस को या किसी और पार्टी को. न ही यह देखा जाता है की आप ब्राह्मण समाज से है या फिर शूद्र समाज से, दंगों की चपेट में आप या तो केवल हिन्दू होते हैं या फिर केवल मुसलमान.

ऐसा ही एक वाक्या दिल्ली में एक आम आदमी पार्टी के बहुत बड़े स्पोटर के साथ भी हुआ हैं. रेस्टोरेंट कारोबारी कमल शर्मा आम आदमी पार्टी के बहुत बड़े समर्थक हैं और आज उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है की, “मेरा रेस्टोरेंट जला दिया गया भजनपुरा में हमने क्या बिगाड़ा था किसी का.”

लेकिन अगर आप इनका ट्विटर अकाउंट देखते तो आपको पता चलता इन्होने बहुत सारे पोस्ट हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को लेकर किये हुए हैं, बहुत सारे पोस्ट इन्होने आम आदमी पार्टी के पक्ष में किये हुए हैं. पर दंगा करने वालों ने न तो इनका ट्विटर अकाउंट देखा और न ही इनके विचार जानने की कोशिश की. उन्होंने केवल देखा की यह रेस्टोरेंट एक हिन्दू व्यक्ति हैं.

यहाँ तक की यह दिल्ली में मिल रही फ्री सुख-सुविधाओं के भी पक्ष में थे और अपने ट्विटर उसको लेकर लिखते थे की, “केजरीवाल ने उनके लिए मुफ्त में बिजली कर दिया है. मुफ्त पानी कर दिया है. जिसकी वजह से उनका धंधा बहुत आगे बढ़ गया है और अब उन्होंने अपने रेस्टोरेंट के बगल में भी एक नया रेस्टोरेंट बना लिया है.”

यही बातें कभी सियालकोट लाहौर और कराची में बड़ी-बड़ी हवेलियां बनाने वाले हिंदुओं ने की थी. अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा कारोबारी सिख समुदाय ने भी की थी, कश्मीरी पंडितों का भी यही कहना होता था. लेकिन देखते ही देखते सिखों के हाथ से अफगानिस्तान छिन गया, हिन्दुवों के हाथ से कराची और सियालकोट, वहीँ कश्मीरी पंडितों के हाथ से उनके केसर और सेबों के बाग छिन गए.

खैर अब कमल शर्मा के हाथ से उनका रेस्ट्रोन्ट जा चूका हैं शायद अभी उनको समझ आ चूका होगा की आप सोशल मीडिया पर कितने भी बड़े सेक्युलर बन जाओ लेकिन जब बात दंगे और धर्म की होगी आप मात्र एक हिन्दू या फिर एक मुस्लिम कहलाये जायेंगे.

फिलहाल कमल शर्मा का ट्विटर अकाउंट बंद हो चूका हैं, अभी यह कहना मुश्किल है की, उनका यह अकाउंट ट्विटर ने बंद किया है या फिर उन्होंने अपनी समझ से बंद किया हैं, या फिर किसी राजनितिक पार्टी के दबाव में आकर.

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