Sansad Bhavan के निर्माण का 19 विपक्षी दलों ने किया बहिष्कार, बताई ये वजह…

भारत के नए Sansad Bhavan का उद्घाटन 28 मई को होने वाला है.आपको बता दें कि उसी दिन सावरकर जयंती भी है. प्रधानमंत्री मोदी खुद इस नए Sansad Bhavan का उद्घाटन करेंगे.पीएम मोदी ने ही नए संसद भवन का शिलान्यास भी किया था. नया संसद भवन सेंट्रल विस्टा के तहत बन रहा है.आपको बता दें कि हमारा पिछला संसद भवन ब्रिटिश राज्य में बना था. पुराना Sansad Bhavan लगभग 97 वर्ष पुराना हो गया था. ऐसा कहा जा रहा है कि पुरानी बिल्डिंग होने की वजह से शायद यह कमज़ोर हो गई है. 10 दिसम्बर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन की नीव रखी थी. 28 मई 2023 को प्रधानमंत्री के हाथों इस नए संसद भवन का निर्माण किया जाना है.

प्रधानमंत्री के हाथों होगा नए संसद भवन का उद्घाटन 

प्रधानमंत्री मोदी के हाथों होने वाले नए Sansad Bhavan के उद्घाटन का विपक्ष ने पुरजोर तरीके से विरोध किया है. कांग्रेस समेत देश की अन्य प्रमुख पार्टियों ने इस नए संसद भवन के कार्यक्रम का बॉयकोट किया है.विपक्ष ने इसपर अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि “भारत को मिल रहा नया संसद भवन एक ऐतिहासिक फैसला है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का यह फैसला, कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों हो रहा है हम इसका विरोध करते हैं.यह बिलकुल भारत के  राष्ट्रपति को दरकिनार करने के बराबर है”.

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विपक्ष ने संविधान की दुहाई दी

विपक्ष ने बयान जारी करते हुए भारतीय संविधान के अनुछेद 79 का जिक्र किया जिसमे कहा गया है कि “भारतीय संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार, संघ के लिये एक संसद होगी, जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी. भारतीय संविधान, लोकसभा और राज्यसभा को कुछ अपवादों को छोड़कर कानून निर्माण की शक्तियों में समान अधिकार देता है.”   राष्ट्रपति केवल राज्य(देश) का सबसे सर्वोच्च व्यक्ति ही नहीं बल्कि वो संसद का एक अभिन्न अंग भी होता है. ऐसे में अगर प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति की बजाय खुद इसका उद्घाटन करना राष्ट्रपति की छवि को धूमिल करता है.

 

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