Safoora Zargar Getting Trolled on Pregnant Issues: यूएपीए एक्ट (UAPA ACT) के तहत जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र सफूरा जरगर की गिरफ्तारी के कई दिनों बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। सफुरा को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए दर्ज एफआईआर के बाद 10 अप्रैल से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में रखा गया है। वह 14 सप्ताह की गर्भवती है और जेल परिसर में ही उसे छोड़ दिया गया है।
सफुरा ने गर्भावस्था और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन 13 अप्रैल को, उन्हें यूएपीए अधिनियम के तहत एक और प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसके बाद से वह जेल में हैं। अब वह फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा से पहले जफ़राबाद में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में कथित संलिप्तता के आरोप में जेल में है।
सपुरा जरगर की चिकित्सीय स्थिति के कारण, उसे जमानत देने की निरंतर मांग है। साथ ही उनके बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और अफवाहों की बाढ़ सी आ गई है। इतना ही नहीं, लोग उन्हें सेक्सिस्ट तरीके से ट्रोल भी कर रहे हैं। उनकी प्रेग्नेंसी का मज़ाक बनाना और सवाल उठाना। यही नहीं, वे उनके बारे में बहुत ही आपत्तिजनक बातें लिख रहे हैं। दिल्ली हिंसा के आरोपी भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी सफुरा की गर्भावस्था के बारे में ट्वीट किया।
सफुरा की गर्भावस्था के बारे में दावा किया जा रहा है कि उसे तिहाड़ जेल में चिकित्सा परीक्षण के बाद इस बारे में पता चला। इतना ही नहीं लोग इसे शाहीन बाग प्रदर्शन के साथ भी जोड़ रहे हैं। सफुरा के बारे में सोशल मीडिया पर एक दावा भी है कि उसकी शादी नहीं हुई है, जिसके बाद उसकी शादी की कई तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं। जिसमें वह गुलाबी रंग के जोड़े में नजर आ रही हैं।
It doesn’t matter if a woman is married or not. How she chooses to conceive is her choice. A mother is a mother. It is a shame that right-wing trolls cannot even show respect for an expectant mother. Such attacks prove that the Gov, does not have a case against her#SafooraZargar pic.twitter.com/qW0v3dQVkE
— शिल्पा राजपूत~भारतीय ?? (@Shilpa_Bhartiy) May 5, 2020
सपुरा का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे शादीशुदा हैं या नहीं। यह उनकी पसंद है कि वे बच्चे पैदा करना चाहते हैं या नहीं। सपुरा का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि बाहरी लोग हैं जो उनके सम्मान पर उंगलियां उठाते हैं।