हाल ही में यूपी सरकार द्वारा ट्वीट किया गया था जिसमे लिखा था कि प्रदेश में कुल 1607 धार्मिक और स्वेच्छिक संस्थानों के माध्यम से खाद्य सामग्री के रूप में 708823 फ़ूड पैकेट तथा 686, जिला प्रशासन के द्वारा खाद्य सामग्री के रूप में 564881 फ़ूड पैकेट का वितरण किया गया है!
जिसके बाद रविश कुमार ने योगी सरकार के तारीफ़ के पूल बांध दिए है! उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार का ट्विटर हैंडल सरकारी जानकारी में बेहतर है। तुलना नहीं की क्योंकि मैंने दूसरा राज्य नहीं देखा। यह संभाल कोरोना अवधि के दौरान यूपी सरकार क्या कर रही है, इसकी सटीक जानकारी देती है।
इसे ध्यान से देखने के बाद, हम यह भी जानते हैं कि क्या नहीं हो रहा है। आप भी समझ सकते हैं कि सरकार क्या नहीं बता रही है! हर दिन शाम को जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है जिसमें अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, अमित मोहन प्रसाद और आलोक कुमार बहुत अच्छी तरह से सूचित होते हैं। अब यह पत्रकारों पर निर्भर है कि वे किस तरह से सवाल पूछते हैं और प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी हासिल करते हैं। बशर्ते पूछने के लिए समय और सुविधा हो।
दिल्ली में, सम्मेलन स्वास्थ्य मंत्रालय के सम्मेलन में चार से पांच सवालों के बाद ही होता है। यूपी की तुलना में दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रेस खराब है, जबकि अगर वैज्ञानिक गंगाखेडकर को लंबा समय दिया जाता है, तो आपको बहुत कुछ पता चल जाएगा। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस यह जानना महत्वपूर्ण है कि सरकार क्या नहीं बताना चाहती है! जो भी यूपी में इस ट्विटर हैंडल को संभाल रहा है वह अच्छा काम कर रहा है। कम से कम एक जगह सरकार की सभी गतिविधियाँ संतुलित भाषा में लिखी जाती हैं।