
7 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंचे. वहां उन्होंने सुल्तान बाथरी में नए ‘मानसिक रोग व व्यसन-निरोधी केंद्र’ का उद्घाटन किया. यह ‘मानसिक रोग व व्यसन-विरोधी केंद्र’ एजम्पशन हॉस्पिटल में ‘साइकेट्री एन्ड डी-एडिक्शन डिपार्टमेंट ब्लॉक’ नाम से बनाया गया हैं.
इस उद्घाटन के दौरान राहुल गांधी ने नशे जैसी बुरी आदतों को छोड़ने के लिए युवाओं को कुछ टिप्स भी दिए. उन्होंने कहा की, “युवाओं को तरह-तरह के खेल खेलने चाहिए, ताकि एडिक्शन की बीमारी दूर हो. तरह-तरह के खेलों में संलिप्त रहने वाले युवा शराब इत्यादि के व्यसन में नहीं पड़ते क्योंकि उनके पास इन सबके लिए समय ही नहीं होता.”
राहुल गांधी ने अपने भाषण में यह भी माना की वायनाड में समान्य सुख सुविधाओं के नाम पर बहुत चीज़ों पर अभी काम करने की जरुरत हैं. उन्होंने कहा की, “यहाँ एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने की वर्षों से माँग चल रही है. वायनाड में साँप काटने के बाद एक छात्रा की मौत हो गई थी क्योंकि उसे समय पर मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं मिला. मुझे इस घटना पर दुःख हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य के मामलों में हमें आक्रामक रूप से आगे बढ़ने की ज़रूरत है. मेडिकल कॉलेज के लिए ज़मीन की दिक्कत आ रही है, जिसे हल करने की वो कोशिश कर रहे हैं.”
यह तो थी विकास की बात लेकिन राहुल गांधी ने बिना यह सोचे समझे की वो कहाँ पर मजूद है, किस लिए मजूद हैं, क्या करने के लिए मजूद हैं. बस उन्होंने फिर से अपने इस भाषण के बाद हिंसा, नौकरी, धर्म, जातिवाद, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार आदि मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया.
Shri @RahulGandhi inaugurates a new department block of Psychiatry & De-Addiction at Assumption Hospital in Sultan Bathery, Wayanad. pic.twitter.com/d1teku5NeH
— Congress (@INCIndia) December 7, 2019
आपको बता दें की राहुल गांधी 2019 में लोकसभा चुनाव से पहली ही अमेठी की हवा भांप गए थे, ऐसे में उन्होंने दो जगह से चुनाव लड़ना बेहतर समझा. जिसमें अमेठी से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. अगर वो दो जगह से चुनाव न लड़ते तो ज्योतिराज सिंधिया की तरह आज राहुल गांधी भी लोकसभा के बाहर नज़र आते.