Preparing to change the name of the country to “Bharat” or “Hindustan” instead of “INDIA”: 2 जून को सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई करने वाला है, जिसमें केंद्र सरकार से संविधान संशोधन लाकर भारत या भारत को बदलने की मांग की गई है! याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे हमारी राष्ट्रीयता में गर्व का अनुभव बढ़ेगा! याचिका में संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है!
सीजेआई बोबडे की बेंच करेगी सुनवाई
इस याचिका को शुक्रवार को देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था! मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अनुपस्थिति के कारण परीक्षण सूची से इसे हटा दिया गया था! सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, अब यह याचिका 2 जून को सीजीआई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी!
संचार राष्ट्रीयता की भावना में होना चाहिए
बता दें कि दिल्ली के एक व्यक्ति ने याचिका के माध्यम से दावा किया है कि संविधान में संशोधन करके भारत शब्द को हटाने से देश के नागरिकों को औपनिवेशिक अतीत से छुटकारा मिलेगा! याचिका में कहा गया है कि ‘भले ही अंग्रेजी नाम प्रतीकात्मक है, लेकिन इसे हटाने से हमारी खुद की राष्ट्रीयता, विशेषकर आने वाली पीढ़ियों के मन में गर्व का भाव आएगा! दरअसल, भारत को भारत शब्द से बदलने से हमारे पूर्वजों के कठिन संघर्ष से प्राप्त स्वतंत्रता के साथ न्याय होगा! ‘
अनुच्छेद 1 को संशोधित करने की मांग
आपको बता दें कि 1948 में तत्कालीन प्रस्तावित संविधान के अनुच्छेद 1 पर संविधान सभा की बहस का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया था कि भारत या भारत के रूप में देश के नामकरण के पक्ष में एक मजबूत विश्वास था! याचिका में कहा गया है, “हालांकि, भारत को अपना मूल और वास्तविक नाम देश को देने का समय आ गया है, विशेषकर तब जब हमारे शहरों के नाम भारत की आत्मा के साथ जोड़कर बदले जा रहे हैं!”