
जेनेवा में ग्लोबल रेफ्यूजी फोरम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से भारत को परमाणु बम की धमकी दे दी है. कश्मीर मुद्दे और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उन्होंने कहा की इससे दक्षिण एशिया में बड़े पैमाने पर शरणार्थियों की समस्या पैदा हो जाएगी.
यह समस्या आगे चल कर दो परमाणु सम्पन देशो को आमने-सामने खड़ा कर देगी. इमरान खान ने यह भी आरोप लगाया है की भारतीय सरकार कश्मीर में जनसँख्या समुदायों में बड़ा बदलाव करने वाली हैं.
उन्होंने कहा कश्मीर में पहले ही 370 और धारा 35ए को हटा दिया गया था, जिसके बाद यह नागरिकता संशोधन कानून मुस्लिमों को भागने से मजबूर कर देगा. यह मजबूरी शरणार्थी संकट को जन्म दे देगा और पाकिस्तान इस वक़्त किसी भी हाल में शरणार्थियों को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं हैं.
इमरान खान ने भारतीय कांग्रेस की तरह बिना बिल को जाने, पढ़े और समझे ब्यान दिया है की, “भारत के मुसलमानों को नागरिकता से वंचित करने के लिए यह कानून बनाया गया है. भारतीय मुसलमानों के अधिकार छीने जा रहे हैं. इस कानून के खिलाफ भारत में दंगे हो रहे हैं और लोग सड़कों पर हैं.”
जबकि इस बिल का भारत के मुसलमानों से किसी भी प्रकार का कोई भी सम्बन्ध नहीं हैं. उन्होंने आगे एक और बेतुका ब्यान देते हुए कहा की, “दुनिया जान ले कि भारत में शरणार्थियों का एक बहुत बड़ा संकट जन्म ले रहा है. कश्मीर में अस्सी लाख लोग पहरे में हैं. वहां बहुसंख्यक मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश की जा रही है. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो दो एटमी ताकतों में टकराव हो सकता है.”

दिवालिया होने की कगार पड़ खड़े पाकिस्तान की तरफ से इमरान खान ने यह भी कहा की, “बेसहारा शरणार्थियों की समस्या से गरीब मुल्क नहीं निपट सकते. ऐसे हालात बनाने होंगे कि लोग शरणार्थी बनने पर मजबूर न हो. अपनी तमाम मुश्किलों के बावजूद पाकिस्तान तीस लाख अफगान शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है.”