कही आपका चावल Plastic Rice तो नहीं! अब इस तरह घर बैठे ही लगा सकते हैं पता…

आज के ज़माने में मिलावट का कारोबार काफी तेज़ी से फैलता चला जा रहा है। कभी मसालों में तो कभी अनाज में मिलावट देखने को मिलती है। इसी बीच अब Plastic Rice यानी नकली चावल मार्किट में तेज़ी से फ़ैल रहे हैं। देश-दुनिया में भारतीय Basmati Rice की खपत बढ़ती जा रही है और इस खपत को पूरा करने के लिये कई लोग प्लास्टिक का नकली चावल बेच रहे हैं। हाथ में लेकर देखने पर ये बिल्कुल बासमती जैसा असली चावल लगता है। रंग भी वही, खुशबू और स्वाद में भी लगभग एक जैसा, लेकिन इसके सेवन से शरीर में कई बीमारियां पैदा हो रही है।

Plastic Rice
क्या होता है ये प्लास्टिक वाला चावल?

दुनियाभर में चावल की डिमांड को पूरा करने के लिये अब मशीनों में प्लास्टिक का चावल (Plastic Rice) बनाया जा रहा है। ये चावल आलू, शलजम, प्लास्टिक और राल से बनाया जाता है, जिसे पचाना काफी मुश्किल होता है। ये चावल सेहत के लिये बेहद हानिकारक होता है। यदि कुछ बातों का ध्यान रखें तो प्लास्टिक का चावल खाने और खरीदने से बच सकते हैं। इस धोखाधड़ी से बचने के लिये चावल की जांच (Identification of Rice) करने की सलाह दी जाती है। बता दें कि हाथ में चावल के कुछ दानों को लेकर आप नहीं जान सकते कि चावल असली है या नकली। इसके लिये बासमती चावल और प्लास्टिक के चावल की जानकारी होनी चाहिये। घर पर भी कुछ साधारण जांच करके इसका पता लगा सकते हैं।

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Plastic Rice
Plastic Rice की कैसे करें पहचान?

आज आधुनिकता के दौर में लोग चालाकी भी बड़ी आधुनिकता से करते हैं। आप चावल को हाथ लेकर देखते जरूर है, लेकिन नकली चावल और असली चावल के बीच का अंतर तक नहीं पहचान पाते, क्योंकि चावल दोनों ही एक समान लगते हैं। इस धोखे से बचने के लिये पहले चावल का कुछ सैंपल लेकर एक बर्तन में रख लें। इसके बाद चूना यानी लाइम और पानी को मिलाकर एक घोल बनायें। अब इस घोल में चावलों को भिगोकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। अगर कुछ समय बाद ही चावल का रंग बदल जाये या रंग छोड़ दे तो समझ जाइये कि चावल (Plastic Rice) नकली है।

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