
जयपुर 2008 में एक ऐसा वक़्त भी आया था जब एक के बाद एक बम धमाकों ने पुरे जयपुर को हिला दिया था. इन धमाकों में कुल 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे. इसी केस में विशेष कोर्ट के जज अजय कुमार शर्मा प्रथम ने आज शुक्रवार (दिसंबर 20, 2019) को इन चारों आरोपियों को फांसी की सज़ा सुना दी हैं.
इससे पहले कल यानी गुरुवार (दिसंबर 19, 2019) को विशेष अदालत में ही इन आरोपियों की सज़ा को लेकर वकीलों की बहस हुई थी, जिसके बाद उन्होंने आज अपना फैसला इन आरोपियों को सुनाया. इस विशेष अदालत ने मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजम, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सलमान को दोषी करार दिया हैं.
हालाँकि इस केस से जुड़े 2 अन्य आरोपित दिल्ली के बाटला हाउस में 2008 में हुए एनकाउंटर में ही मार गिराए गए थे. इस एनकाउंटर को लेकर सोनिया गाँधी के रोने की ख़बरें भी आयी थी, राजनेताओं, वामपंथी पत्रकारों और मानवाधिकार वालों ने इस एनकाउंटर के नाम पर जमकर रोटियां सेंकी थी.
इन्हीं बम धमाकों से जुड़े एक आरोपी शाहबाज हुसैन को स्पेशल कोर्ट ने रिहा कर दिया था. शाहबाज हुसैन के खिलाफ जांच एजेंसियों के पास पर्याप्त सबूत नहीं थे, जो उसे दोषी साबित कर सके. जांच एजेंसियों ने कुल 14 लोगों को आरोपित बनाया था, इनमे से 3 लोग तिहाड़ जेल में बंद हैं, 3 देश के अलग-अलग जेलों में बंद हैं, और 3 आरोपी अब भी फरार हैं बाकी के चार आरोपियों को स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुना दी हैं और एक को रिहा कर दिया हैं.
आपको बता दें की यह बम धमाके 13 मई 2008 की शाम परकोटा इलाके में 12 से 15 मिनट के अंतराल के भीतर ही चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर हुए थे. सबसे पहला ब्लास्ट खंदा माणकचौक, हवा महल के सामने शाम 7:20 बजे हुआ जिसके बाद 7:35 तक कुल आठ धमाकों से पूरा जयपुर गूँज उठा था.

हनुमान मंदिर के निकट बम निरोधक दस्ते ने एक बम को निष्क्रिय कर कई लोगों की जान बचा ली थी. बताया जाता हैं की धमाके इतने शक्तिशाली थे की, कुछ लोगों की लाशें नहीं सिर्फ उनके टुकड़े मिले थे. शुरूआती जांच में राजस्थान के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ए.एस. गिल इन धमाकों को आतंकी हमला करार देते हुए केस रफा-दफा करने की कोशिश भी की थी.
2008 Jaipur bomb blasts case: Jaipur court announces quantum of sentence in the matter, all the four convicts – Sarvar Aazmi, Mohammad Saif, Saifur Rahman, and Salman, to be hanged till death. pic.twitter.com/zsqcOeSGiC
— ANI (@ANI) December 20, 2019
इन धमाकों के बाद कुल 1296 गवाहों के बयान दर्ज किये गए थे, जिसके बाद इस केस को आगे बढ़ाने में जांच एजेंसियों को बहुत ज्यादा मदद मिली. बम धमाकों के लिए जिस जगह से साइकिल खरीदी गयी थी, उन दुकानदारों ने इन आरोपियों की पहचान की थी. फिलहाल 3 आरोपी फरार हैं और जांच एजेंसिया अभी भी पता लगाने की कोशिश कर रहीं हैं की वो कहां पर हैं.