
निजामुद्दीन तबलीगी जमात के मुस्लिम लोग को आप आसान भाषा में शरीफ आतंकवादी भी कह सकते हैं. शरीफ इसलिए क्योंकि इन्होने बम और बन्दूक का इस्तेमाल नहीं किया. आतंकवादी इसलिए क्योंकि मकसद इनका धर्म के नाम पर लोगों को मारना ही था.
निजामुद्दीन तबलीगी जमात के लोग राज्य और केंद्र सरकार दोनों के लिए परेशानी का सबक बनी हुई हैं. एक तरफ जहाँ यह लोग पुलिस और डॉक्टर्स पर थूक कर कोरोना फैला रहें हैं. वहीँ कुछ लोग अभी तक फरार हैं और पुलिस उन्हें ढूंढ रही हैं.
अभी बताया जा रहा हैं की निजामुद्दीन तबलीगी जमात के कुछ लोग शाहीन बाग़ और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में भी शामिल हुए थे. इनमे से ही एक व्यक्ति को कोरोना वायरस के लक्षणों के चलते उसे हॉस्पिटल में भर्ती किया गया और उसने बताया की वह 18 मार्च को शाहीन बाग़ में गया था.
500-500 रूपए के लालच में जो औरते शाहीन बाग़ में दरी डालकर बैठी हुई थी. ऐसे में जांच एजेंसियों को शक है की बड़े पैमाने पर उनको और उनके परिवार को कोरोना वायरस हो सकता हैं. यही नहीं अगर आप सोचे की उनके परिवार के सदस्य आगे कितनों से मिले होंगे और फिर वो आगे कितनो से मिले होंगे तो यह आंकड़ा बहुत ही बड़ा होता नज़र आ रहा हैं.
ऐसे में भारत के अंदर आपको बहुत बड़े पैमाने पर कोरोना के मरीज़ देखने को मिल सकते हैं. इटली आज के समय में जिस हालात से गुज़र रहा हैं, उस हालात से कोई देश नहीं गुज़रना चाहता. लेकिन अगर 6 करोड़ की आबादी में 10000 से मौतें हो रही हैं तो भारत में 135 करोड़ की आबादी में एक दिन में कितनी मौते होंगी आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते.
इसीलिए सरकार अब देश भर में मजूद मस्जिदों को लेकर सतर्क हो चुकी हैं और भीड़ के इक्क्ठा होने पर कार्यवाही कर रही हैं. लेकिन क्या यह कार्यवाही करने में देर तो नहीं हो गयी, आपका क्या विचार है कमेंट में जरूर बताएं.