
क्या आप जानते हैं 125 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले देश में मात्र एक अधिकारी जल्लाद मजूद हैं? जी हाँ, जल्लाद पवन सिंह एक ऐसा नाम जिसे कोई भी अपराधी सुनना नहीं चाहता. हैदराबाद केस के बाद लोगों के मन में सबसे पहला सवाल था की निर्भया के दोषियों को फांसी कब होगी?
इस सन्दर्भ में जैसा की हम सब जानते है एक लड़के को नाबालिक होने के चलते अरविन्द केजरीवाल जी ने उसे निर्भया के बलात्कार के इनाम के तौर पर 10000 रूपए नकदी और एक सिलाई मशीन गिफ्ट दी थी. बाकी के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुनाई थी.
ऐसे में फांसी की सज़ा को खारिज करने के लिए आरोपियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आगे भी गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी फांसी की सज़ा को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बरकरार रखा था. अब जबकि बलात्कार के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे तो सुप्रीम कोर्ट ने जेलर से जवाब देने को कहा की अभी तक निर्भया के दोषियों को फांसी क्यों नहीं हुई?
इसपर जेलर का कहना था की दोषियों को फांसी देने के लिए हमारे पास कोई जल्लाद मजूद नहीं हैं. उसके बाद देश के एक मात्र जल्लाद पवन सिंह ने कहा है की वह खुद दिल्ली जायेगा. मेरठ, यूपी के पवन जल्लाद ने मीडिया से कहा की पहले 10 दिन पहले सुचना दी जाती थी.
क्योंकि रस्सी को जल्लाद खुद त्यार करता था, अब सब रेडीमेड मिल जाता हैं. बस रस्सी पर थोड़ा सा काम करना होता हैं. जिससे रस्सी इंसान के वजन के झटके से टूट न जाये. भारत में एक अपराध के लिए दो बार किसी को फांसी नहीं दी जा सकती इसलिए यह काम एक ही बार में होना चाहिए.
इसलिए अब महज़ दो दिन का समय ही लगता हैं. फिर भी मुझे कोई अधिकारी जानकारी जेलर की तरफ से नहीं आयी हैं. लेकिन हाँ यह सच हैं की मैं 8 दिसंबर से 10 दिसंबर के बीच दिल्ली जाऊंगा और दिल्ली में जाने का मकसद अपने परिजनों की शादी में शरीक होने का हैं.
उन्होंने कहा जेलर से जब तक मुझे फांसी देने की तारिख और समय की आधिकारिक सूचना नहीं मिलती तब तक मैं इस बारे में कुछ नहीं बता सकता की फांसी कब होगी. बात रही जल्लाद के न मिलने की तो इसपर यही कहूंगा की देश के किसी भी हिस्से में जाने के लिए मात्र कुछ घंटो का समय लगता है, प्लेन में. इसलिए जल्लाद मजूद नहीं हैं यह बात उन्होंने क्यों कही इस बात को वही बेहतर तरीके से बता सकते हैं.