
आज लोकसभा में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण संशोधन बिल पेश किया गया. इस बिल के अनुसार अब माँ-बाप की जिम्मेदारी केवल बेटे और बेटी की ही नहीं बल्कि बहु और दामाद की भी होगी.
सरकार द्वारा यह फैसला इसलिए लिया गया है, जिससे देश में बढ़ रहे वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ आपराधिक घटनाओं को रोका जा सके. अब हर राज्य में बुजुर्गों के लिए अलग से हेल्पलाइन नंबर जारी होगा, बुजुर्गों की समस्यायों का निपटारा मात्र 60 दिनों में दूर किया जायेगा.
बुजुर्ग अगर आपने बेटे, बेटी, दामाद, बहु के खिलाफ शिकायत करता है तो अपराधी को कम से कम छह महीने के लिए जेल में रहना पड़ सकता हैं. इस बिल में बालक की परिभाषा को बदलते हुए बेटे, बेटी के साथ साथ अब दामाद और बहु के शब्दों को भी जोड़ दिया गया हैं.
बीजेपी के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने मीडिया को ब्यान देते हुए इस बिल के बारे में कहा है की, “वर्तमान हालात में वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक सुरक्षा की जरूरत है. उन्हें भी गरिमा पूर्ण जीवन जीने का अधिकार है.”

इस बिल को कानून विशेषज्ञ बहुत ही ज्यादा अच्छा मान रहें हैं, उनका कहना है की इस बिल से ने तो सिर्फ बजुर्गों पर देश में हो रहे अत्याचारों से मुक्ति मिलेगी, उसके साथ ही उन्हें सर ऊँचा करने जीने का अधिकार भी प्राप्त होगा. उन्होंने कहा है की सरकार का यह देश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं होगा.