अब पुराने गहनों (jewellery) को नहीं बेच पाएंगे आप? जान लीजिये सरकार का ये नियम….

सरकार ने हाल ही में सोने(gold) के सामान जैसे आभूषण(jewellery) की बिक्री से जुड़े नए नियम बनाए हैं. इन नियमों का उद्देश्य सोने की वस्तुओं की बिक्री में अधिक पारदर्शिता लाना और यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहकों के साथ धोखा न हो. इस साल 1अप्रैल से सभी सोने के गहनों पर हॉलमार्क आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) नंबर होना जरूरी है. यदि आपके पास पुराने बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण हैं और आप इसे बदलना या बेचना चाहते हैं,तो आपको इसे हॉलमार्क अवश्य करवाना चाहिए.

सोने की कलाकृतियों की बिक्री के नए नियमों पर विस्तार से एक नज़र डालें.

सोने की कलाकृति पर हॉलमार्क पहचान संख्या उत्पाद को एक अलग विशेषता प्रदान करती है. यह भी सुनिश्चित करता है कि सोने की वस्तु में वादा की गई शुद्धता हो. सोने की वस्तुओं पर शुद्धता का निशान होना चाहिए. उदाहरण के लिए आभूषण(jewellery) पर 22-कैरेट और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का लोगो.

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यदि आप बिना हॉलमार्क वाले पुराने आभूषण बेचना चाहते हैं तो क्या होगा?

सरकारी नियमों के मुताबिक, बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण(jewellery) नहीं बेचे जा सकते हैं. यदि आपके पास एक्सचेंज या बेचने के लिए पुराने बिना हॉलमार्क वाले सोने के गहने हैं,तो आपको उन्हें एचयूआईडी के साथ हॉलमार्क करवाना होगा.

इस बात का ध्यान रखें कि यदि आपकी ज्वेलरी पर पहले से ही पुराने/पुराने हॉलमार्क साइन लगे हुए हैं, तो आपको हॉलमार्किंग प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता नहीं है. इस मामले में एचयूआईडी के बिना सोना स्वीकार किया जाएगा.

इसके अलावा,दो ग्राम से कम सोना(gold), अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों के लिए बने आभूषण, निर्यात के लिए कोई भी वस्तु जो विदेशी खरीदार की विशिष्ट आवश्यकता के लिए निर्धारित है, और फाउंटेन पेन, घड़ियां या विशेष प्रकार के आभूषणों को हॉलमार्किंग से छूट दी गई है.

40 लाख रुपये से कम सालाना कारोबार वाले ज्वैलर्स को भी इस प्रक्रिया से छूट दी गई है.

कहाँ जांच होगी गहनों (jewellery) की ?

हक किसी भी बीआईएस-मान्यता प्राप्त हॉलमार्किंग केंद्र से गहनों की जांच करवा सकते हैं. परीक्षण की जाने वाली वस्तुओं की संख्या पांच या अधिक होने की स्थिति में व्यक्ति को प्रति वस्तु 45 रुपये का भुगतान करना होगा. यदि खेप में चार वस्तुएं हैं, तो शुल्क 200 रुपये होगा.

आप बीआईएस में पंजीकृत जौहरी के माध्यम से उनके गहनों की हॉलमार्किंग भी करवा सकते हैं. जौहरी इस प्रक्रिया के लिए वस्तु को बीआईएस जांच और हॉलमार्किंग केंद्र ले जाएगा.

नए हॉलमार्किंग नियम सोना खरीदने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उत्पादों की गुणवत्ता बनी रहे. सोने की हॉलमार्किंग नहीं कराने वाले ज्वैलर्स को एक साल की कैद, सोने के आभूषणों(jewellery) की कीमत का पांच गुना जुर्माना या दोनों हो सकता है.

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