कोरोना संक्रमण के डर से नही आया कोई रिश्तेदार,पत्नी ने ही दी अपने पति को मुखाग्नि…..

लोग कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से अधिक डरते हैं कि वे किसी अंतिम संस्कार में भाग नहीं ले रहे हैं। इसी तरह की घटना उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुई थी। यहां एक युवक की मौत हुई तो न रिश्तेदार आए और न ही पड़ोसी आए। यहां तक ​​कि चार लोगों को भी कंधा देने के लिए किस्मत में नहीं था। इसके बाद पत्नी किसी तरह जिला पंचायत सदस्य की मदद से शव को घाट तक लाने में सफल रही और खुद ही चिता को जलाकर अंतिम संस्कार किया।

पत्नी के धर्म का किया पालन

बबुरी कस्बे के एक मजदूर 40 वर्षीय संतोष जायसवाल की रविवार सुबह जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। लाचार पत्नी की गुड़िया पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। तालाबंदी में ग्रामीणों ने शव यात्रा में शामिल होने से इनकार कर दिया। उसी समय, शव के दाह संस्कार के लिए पैसे आने लगे।

जिप सदस्य सूर्यमुनि तिवारी ने निजी साधन से शव को बाबा अवधूत भगवान घाट भेजा। जहां जेपी सदस्य शिवशंकर सिंह पटेल, सुभाष मौर्य और देव मौर्य ने लकड़ी और अन्य वस्तुओं की व्यवस्था की। घाट पर, गुडिया ने पत्नी के धर्म का पालन किया और लाश को जलाया।

तीन साल पहले दिया था बेटी को जन्म

पीडीडीयू नगर के नौबस्ती अलीनगर की गुड़िया देवी की शादी बबुरी कस्बे के बिहारी जायसवाल के बेटे संतोष जायसवाल से हुई थी। तीन साल पहले बेटी रोशनी का जन्म हुआ था। एक साल पहले ससुर बिहारी का निधन हो गया। संतोष मजदूर का काम करने के बाद परिवार का भरण पोषण करता था।

दो महीने पहले संतोष की तबीयत खराब हुई, तब उसका इलाज जिला अस्पताल से कराया जा रहा था। इसी बीच गुड़िया के भाई की भी मौत हो गई। दो हफ्ते पहले संतोष की तबीयत फिर से बिगड़ गई। संतोष को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां रविवार को उसकी मौत हो गई। गुडिय़ा शव लेकर मायके पहुंची।

भाजपा नेता ने लगाई गुहार

उन्होंने भाजपा नेता सूर्यमुनि तिवारी से गुहार लगाई। उन्होंने तत्काल साधन उपलब्ध कराकर शिवशंकर सिंह पटेल को अवगत कराया। इधर, गुड़िया अपने पति के शव को लेकर अवधूत भगवान राम घाट पाड़ा पहुंची। शिवशंकर सिंह पटेल ने लकड़ी और अन्य वस्तुओं की व्यवस्था की। गुड़िया ने पति की लाश जलाई।

भाजपा नेता ने ली जिम्मेदारी

जिला पंचायत सदस्य सूर्यमुनि तिवारी ने गुड़िया और उनकी तीन साल की बेटी की पूरी जिम्मेदारी ली है। उन्होंने बताया कि उनके निजी स्कूल में, गुडिय़ा को नौकरी और रोशनी सिखाने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि जब तक वह शिक्षित नहीं होगी तब तक रोशनी की शादी होगी।

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