
अभी एक बड़ी खबर सामने आ रही हैं की शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की महाराष्ट्र में बनने वाली सरकार बुलेट ट्रेन के काम को झटका देने की फिराख में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका देकर देश को बताया जायेगा की मोदी अपना काम समय से पूरा नहीं कर सके.
बुलेट ट्रेन को बनाने के लिए महाराष्ट्र की सरकार को इस प्रोजेक्ट में 25 फ़ीसदी हिस्सेदारी डालनी हैं और इसी हिस्सेदारी को रोककर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी बीजेपी को झटका दे सकती हैं. सूत्रों की माने तो बुलेट ट्रेन के लिए इस 25 फ़ीसदी पैसे को रोककर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी किसानों के लिए घोषणाएं कर सकते हैं जिसमे हो सकता हैं वो कर्जमाफी का ऐलान कर दें.
बुलेट ट्रेन के काम में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी की बात करें तो पांच से साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये का खर्च राज्य सरकार को देना होगा. शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी इस पांच से साढ़े पांच हजार करोड़ का लोन माफ़ करके किसानों को अगले चुनावों के लिए उनका भरोसा जीतने की कोशिश कर सकते हैं.
अगर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी ऐसा करती हैं तो अहमदाबाद से महाराष्ट्र के बॉर्डर तक का यह प्रोजेक्ट पूरा हो जायेगा लेकिन उसके आगे मुंबई तक का प्रोजेक्ट बीच में ही रुक जायेगा. ऐसे में केंद्र सरकार के पास सुपरिम कोर्ट में जाने के इलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.

अगर उदाहरण के समझना चाहते हैं तो आप दिल्ली के मेट्रो का काम देख सकते हैं. प्रदूषण मुक्त करने का दावा करने वाली दिल्ली सरकार अपने हिस्से के पैसे मेट्रो के फेस खत्म करने के लिए नहीं दे रही वहीं फ्री में चीजें बांटकर वोटरों को लुभाने की कोशिश जारी हैं. अगर दिल्ली सरकार अपने हिस्से के पैसे अदा करती रहती तो दिल्ली में मेट्रो के फेसों का काम अब तक खत्म हो चूका होता.
अब देखना यह होगा की दिल्ली मेट्रो की तरह क्या महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन का काम भी रुक जायेगा? इसके इलावा ‘हाइपरलूप ट्रेन’ और ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ जी की मूर्ति का काम भी बीच में रुक सकता हैं.