
NDTV चैनल और रविश कुमार के फैंस के लिए दुखभरी खबर आ रही है, स्टॉक एक्सचेंज में एनडीटीवी की त्रैमासिक फाइलिंग की ऑडिटर्स ने समीक्षा की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है. इस रिपोर्ट के जरिये पता चला है की NDTV चैनल का क़र्ज़ बहुत अधिक है और उसके पास केवल 88.92 करोड़ की सम्पति शेष बची है.
वित्तीय परफॉरमेंस लगातार गिर रही जिसकी वजह से इन्वेस्टर्स भी NDTV से अपने पैसे निकाल रहें है. इसके इलावा ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाइयों के चलते नए इन्वेस्टर्स भी NDTV में इन्वेस्ट करने से बच रहें है.
2019 की सितम्बर रिपोर्ट में बताया गया है की त्रैमासिक समयावधि में एनडीटीवी को 10.17 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. इसी के साथ जितनी सम्पति NDTV के पास मजूद है, लगभग उससे दोगुना क़र्ज़ NDTV पर हो चला हैं.
आपको बता दें मटेरियल स्टेटमेंट से बचने के लिए ऑडिट करवाई है, क्योंकि कभी-कभी बड़ी कंपनियों की रिपोर्ट में कई बार फाइनेंसियल रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी हो जाती है. ऐसे में NDTV और ज्यादा जुर्माने से जूझना पड़ सकता था इसीलिए उसने ऑडिट करवाने का फैसला लिया था.
ऑडिटर्स का दावा है की NDTV की पैरेंट कम्पनी कुछ समय के लिए NDTV को भले ही चला ले, लेकिन अगर NDTV के वित्तीय हालात नहीं सुधरे तो इसकी पैरेंट कम्पनी इसको ज्यादा महीने नहीं चला पाएंगे.

ऑडिटर्स ने अपनी समीक्षा की रिपोर्ट में ‘गोइंग कंसर्न’ के शब्द का प्रयोग किया है. जिसका अर्थ होता है की अभी कम्पनी पूरी तरह से कंगाल नहीं हुई है. फिलहाल कम्पनी के पास खुद के हालात बेहतर करने के लिए संसाधन मजूद हैं. लेकिन ऑडिटर्स ने लगातार होते घाटे और नए इन्वेस्टर्स के NDTV को सपोर्ट न करने के चलते इसपर भी चिंता व्यक्त की है.