
नागरिकता संशोधन कानून एक ऐसा कानून जिसे लेकर मुसलमानों में अलग-अलग तरह से डर का माहौल पैदा किया गया, एक ऐसा कानून जिसे लेकर विपक्ष ने तब तक अफवाहें फैलाना बंद नहीं किया जब तक दिल्ली में दंगे नहीं हो गए.
एक ऐसा कानून जिससे किसी भी भारतीय की नागरिकता तो नहीं गयी, लेकिन दंगों में 42 लोगों की जान जरूर चली गयी. उसके बावजूद अगर कहीं इन दंगों और तनाव का फर्क नहीं पड़ा था तो वह हैं शाहीन बाग़. जिस शाहीन बाग़ में मुस्लिम औरतें दरी बिछाकर बैठी हुई हैं और मुस्लिम औरतों से सवाल-जवाब करने का अधिकार भी गिने चुने पत्रकारों को हैं, ऐसे में उन मुस्लिम औरतों को लेकर बहुत ज्यादा सवाल उठ रहें थे.
सवाल यह थे की क्या औरतें अपनी मर्जी से बैठी हैं? क्या औरतों को पैसे का लालच दिया हैं? क्या औरतों को इस कानून के बारे में सब कुछ सच में पता हैं? इन सब सवालों से सबसे पहला पर्दा तब उठा जब एक वीडियो वायरल हुआ और पता चला औरतें फ्री में नहीं बैठी हैं, इन्हे बैठे के 500 से 700 रूपए तक मिल रहें हैं.
खैर यह कोई आधिकारिक वीडियो नहीं था, पर अब जो वीडियो सामने आया हैं वह आज तक न्यूज़ चैनल से हैं और इस वीडियो में आप देख सकते हैं की कैसे एक औरत अपने पति के बारे में पुलिस को बता रही हैं की, उनका शोहर रोज़ उनको जबरदस्ती शाहीन बाग़ में धरना देने के लिए भेज देता था.
His wife exposed him in front of UP police. Yeh jabardasti Anti-CAA protest mein bhejta tha apni wife ko.
This is the reality of paid Anti-CAA protests pic.twitter.com/Qf2HVhiSwx
— φ (@decibel008) March 2, 2020
ऐसे में यह वीडियो साफ़ कर देता हैं की, वहां बैठी सभी औरतें अपनी मर्जी से नहीं बैठी हैं. कुछ पैसों के लालच में बैठी हैं तो कुछ जबरदस्ती बैठा दी जाती हैं, गिनी चुनी कुछ औरतें अपने राजनीती कर्रिएर को चमकाने के लिए वहां मजूद हैं. ऐसे में सवाल यह भी उठता हैं की क्या जबरदस्ती या पैसे का लालच देकर धरना करवाना भी ‘लोकतंत्र की आज़ादी’ में आता हैं?