
NPR को लेकर महाराष्ट्र के गठबंधन में खींचतान शुरू हो चुकी हैं, शिवसेना NPR को जनगणना बता रही हैं. वही कांग्रेस और एनसीपी NPR को लेकर अफवाह और डर का माहौल बनाना चाहती हैं. अपनी राजनितिक मंशा के चलते वह NPR को NCR के साथ जोड़ रही हैं.
केंद्र सरकार ने साफ़ किया हैं की NPR के फार्म में कुछ प्रश्न होंगे और उन प्रश्नों को लेकर कांग्रेस ने अभी से विरोध करना शुरू कर दिया हैं, जबकि केंद्र सरकार ने फॉर्म तय भी नहीं किया और न ही यह तय हुआ है की कैसे प्रश्न पूछे जायेंगे.
कांग्रेस के विरोध का आलम ऐसा हो चूका हैं की, नरेंद्र मोदी अगर ब्यान दे दें की हमें साफ़ पानी पीना चाहिए तो कांग्रेस इसे भी इस्लाम विरोधी साबित करने के लिए अपने प्रवक्ता टीवी चैनल्स पर भेज देगी.
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पहले ही कई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह साफ़ कर चुके हैं की हमारी और कांग्रेस की राय CAA और NPR को लेकर शिवसेना से भिन्न हैं. लेकिन जैसा की हम सब जानते यहीं, इस वक़्त मुख्यमंत्री की कुर्सी पर शिवसेना के उद्धव ठाकरे बैठे में हैं, ऐसे में अगर कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन तोड़ ले तो शिवसेना वापिस बीजेपी में आकर NPR और CAA लागू करवा देगी.

ऐसे में गठबंधन की सरकार फिलहाल कांग्रेस और एनसीपी के मूल वोटर्स के लिए खतरा बनता जा रहा हैं. उद्धव ठाकरे भी राज़ ठाकरे के बदलते राजनितिक स्वरूप को लेकर परेशान हैं. इसीलिए वह अब वह फिर से हिंदुत्व की बात करने लगे है जो कांग्रेस और एनसीपी को अच्छा नहीं लग रहा.