
जैसा की हम सब जानते है लद्दाख अब जम्मू कश्मीर का हिस्सा नहीं रहा, यह एक केंद्र शासित राज्य बन चूका है. केंद्र शासित राज्य बनाने के बाद मोदी सरकार अब लद्दाख के विकास कार्यों को पंख लगाने का भरपूर प्रयास कर रही है.
इसी के चलते मोदी सरकार ने देश में चलने वाली बिजली उत्पाद को लेकर विचारधीन परियोजनाओं को लद्दाख से शुरू करने का फैसला किया है. फिलहाल लद्दाख में नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन की दो पनबिजली परियोजनाएं चल रहीं है.
जिसमें चुटक परियोजना 44 मेगावाट और निमो बाजगो परियोजना में 45 मेगावाट क्षमता वाली एक परियोजना है, इन दोनों परियोजना से 89 मेगावाट की बिजली उत्पन्न होती है. जबकि साल भर लद्दाख और कारगिल क्षेत्र में बिजली की मांग मात्र 50 मेगावाट की ही होती है.
लद्दाख का सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट
मोदी सरकार ने सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया के दो बड़े प्रोजेक्ट लद्दाख में मंजूर कर दिए है. पांच हजार और ढाई हजार मेगावाट क्षमता वाले इन दो प्रोजेक्ट में एक लेह में न्योमा ब्लाक के हालने खालदो गांव में 5000 मेगावाट और दूसरा कारगिल जिले में जंस्कार के सुरू गांव में 2500 मेगावाट लगाया जायेगा. इन दोनों प्रोजेक्ट्स की लागत का आंकड़ा 45000 करोड़ का बताया जा रहा है.

अधिकारीयों ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया की लद्दाख का क्षेत्र समुन्द्र तल से बहुत ऊँचा है, लद्दाख का ज्यादा तर भाग समतल है. इसलिए यहाँ पहले से पनऊर्जा के प्रोजेक्ट चल रहे है. सोलर पावर के यह प्रोजेक्ट लद्दाख को ऊर्जा का केंद्र बनाने की शुरुआत के रूप में देख सकते है. इससे यहाँ पर समृद्धि आएगी जिससे यहाँ पर विकास कार्य पहले से कई गुणा तेज़ी से हो सकेंगे.