
नागरिकता संशोधन कानून और बड़ी हुई प्याज की कीमतों की बाद भारतीय जनता पार्टी को एक और झटका लगने वाला हैं. झारखण्ड विधानसभा चुनाव के लिए पांच चरणों का मतदान शुक्रवार यानी आज पुरे हो गए और साथ ही न्यूज़ चैनल्स ने अपने एग्जिट पोल्स जारी कर दिए.
इन एग्जिट पोल्स को देखें तो भारतीय जनता पार्टी बहुमत के आंकड़े से दूर होती दिख रही हैं, वहीं कांग्रेस और उसका साथी दल इन चुनावों में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अच्छा प्रदर्शन करती नज़र आ रही हैं.
30 नवंबर से 20 दिसंबर तक कुल पांच चरणों में हुए इन चुनावों का परिणाम 23 दिसंबर को आएगा. फिलहाल झारखण्ड में बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार हैं. 81 सीटों वाली विधानसभा में कुल 41 सीटों से ज्यादा पर जीत दर्ज़ कर के ही कोई दल या फिर गठबंधन सरकार बना सकता हैं.
2014 की बात करें तो तब बीजेपी को 37 और आजसू को 5 सीटें प्राप्त हुई थी, बाद में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के 6 विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए जिसके चलते बीजेपी के पास 43 यानी बहुमत का आंकड़ा हो गया और आजसू पार्टी के साथ गठबंधन ने इस आंकड़े को 48 का कर दिया.
एग्जिट पोल्स के मोटा-मोटा अनुमान लगाएं तो कांग्रेस और उसके साथी दल के पास 37-50 सीटों का आंकड़ा रह सकता हैं, वहीं बीजेपी के पास 22 से 35 के बीच का आंकड़ा रह सकता हैं. आजसू 2 से 5 सीट पर अपना कब्ज़ा कर सकती है और बाकी अन्य दल 3 से 12 के बीच सीटों पर जीत हासिल कर सकती हैं.
अगर एग्जिट पोल के इन आंकड़ों के मुताबिक़ ही चुनाव परिणाम आते हैं तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी की झारखण्ड में दुबारा सरकार बनाने के लिए बीजेपी को कम से कम पांच साल का और इंतजार करना होगा. इसी के साथ बीजेपी शासित राज्यों में से एक राज्य झारखण्ड के रूप में कम हो जायेगा.