Indian Brand: ईस्ट इंडिया कंपनी जिसके बिना आधुनिक भारत का इतिहास अधूरा है। 1857 तक भारत इस कंपनी के नियंत्रण में था। यह कंपनी कृषि से लेकर खनन और रेलवे तक का काम करती थी। अब यह कंपनी चाय, कॉफी, चॉकलेट आदि ऑनलाइन बेचती है। भारतीय मूल के बिजनेसमैन संजीव मेहता ने इसे खरीदकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बना दिया है।
देखें इन 10 विदेशी कंपनी को खरीद कर बना दिया Indian ब्रैंड!
Jaguar Land Rover:
यह लग्जरी कार कंपनी कभी दुनिया में ब्रिटिश गौरव की प्रतिनिधि थी। बाद में इसे अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर्स ने खरीद लिया। 2008 में फोर्ड मोटर्स ने इसे बेचने का फैसला किया और इसे टाटा मोटर्स ने खरीद लिया।
Royal Enfield:
रॉयल एनफील्ड ब्रिटिश मोटरसाइकिलिंग का एक प्रतिष्ठित ब्रांड है। यूके के रेडडिच में स्थित एनफील्ड साइकिल कंपनी लिमिटेड ने 1901 में रॉयल एनफील्ड ब्रांड नाम के तहत परिचालन शुरू किया। 1994 में इसे भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनी आयशर मोटर्स ने खरीद लिया था।
Hamleys:
यह ब्रांड दुनिया भर में प्रीमियम खिलौनों का प्रतीक माना जाता है। इसे 2019 में सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने खरीद लिया था।
Diligenta:
टाटा ग्रुप ने कई विदेशी कंपनियों, खासकर ब्रिटिश ब्रांड्स को खरीदा है। ब्रिटिश आईटी कंपनी डिलिजेंटा भी इस श्रृंखला का हिस्सा है। इसे टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी टीसीएस ने खरीद लिया है।
Optare:
यह ब्रांड फिलहाल भारतीय ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड का हिस्सा है। यह कंपनी सिंगल डेकर, डबल डेकर, टूरिस्ट, लग्जरी और इलेक्ट्रिक बसें बनाती है।
Chorus Group:
कोरस ग्रुप दुनिया भर के स्टील बाजार में ब्रिटेन का झंडा बुलंद करता था. ब्रिटेन की इस सबसे बड़ी स्टील कंपनी को 2007 में टाटा ग्रुप की टाटा स्टील लिमिटेड ने खरीद लिया था।
Tetley Tea:
यह दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रिटिश चाय ब्रांड है। वर्तमान में यह भी टाटा ग्रुप का हिस्सा है। 200 साल पुरानी इस कंपनी को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने खरीद लिया।
BSA Motorcycles:
महिंद्रा ग्रुप के क्लासिक लीजेंड्स ने 2016 में ब्रिटिश क्लासिक मोटरसाइकिल ब्रांड बीएसए मोटरसाइकिल्स को खरीदा। यह ब्रांड कभी ब्रिटेन के शीर्ष व्यापारिक घरानों में से एक बर्मिंघम स्मॉल आर्म्स कंपनी के स्वामित्व में था। दिवालिया हो जाने के बाद क्लासिक लीजेंड ने इसे हासिल कर लिया।
Imperial Energy:
सरकारी कंपनी ओएनजीसी ने इस ब्रिटिश पेट्रोलियम और गैस कंपनी को खरीद लिया है। यह कंपनी रूस, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों में काम करती है।