चीन के दुर्भाग्य के समय भारत ने बहुत मदद की थी। लेकिन आज जब उसे मदद की ज़रूरत है, तो चीन बहाने बना रहा है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत ने चीन से वेंटिलेटर खरीदने का फैसला किया था, लेकिन चीन का बयान भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाला है। दरअसल, चीन ने कहा है कि वह भारत को आवश्यक वेंटिलेटर देने के लिए तैयार है। हालाँकि, वह जल्द ही इसका निर्माण नहीं कर सकता है। उसे घटकों का आयात करना होगा।
15 टन मेडिकल सप्लाई भेजी गई
भारत ने फरवरी में चीन में फैले कोरोना वायरस को 15 टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी। अब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को कहा कि निश्चित रूप से इस समय पूरी दुनिया में वेंटिलेटर की बड़ी मांग है। इस महामारी के दौरान चीन भी दबाव झेल रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यद्यपि एक वेंटिलेटर को विभिन्न क्षेत्रों और देशों से आयातित एक हजार से अधिक भागों की आवश्यकता होती है। जिसमें यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्से शामिल हैं। चुनयिंग ने कहा कि इसलिए हमारे लिए इस समय उत्पादन बढ़ाना बहुत आसान नहीं है। ऐसा करना बहुत मुश्किल है।
वेंटिलेटर की मांग लगातार बढ़ रही है
गौरतलब है कि अमरीका और भारत समेत कई देशों में वेंटिलेटर खरीदने की कोशिश की जा रही है। कोरोना वायरस के कारण अस्पतालों में उनकी जरूरत बढ़ गई है। चीनी वेंटिलेटर निर्माताओं के अनुसार, उनके लिए उत्पादन बढ़ाना मुश्किल है। क्योंकि उन्हें भी घटकों का आयात करना पड़ता है। चीन के साथ भारत ने कई देशों में वेंटिलेटर की मांग की है। कोरोना वायरस के रोगियों के लिए, वेंटिलेटर जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यूरोपीय देशों में भी वर्तमान में वेंटिलेटर की भारी कमी है।