
अभिनेत्री दीपिका पादुकोण जब से सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए JNU मामले में अपनी रूचि दिखाने के लिए प्रदर्शन में जाकर खड़ी हुई हैं. तब से ही उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
सबसे पहले फिल्म की कमाई हद से ज्यादा कम रही, लोगों ने ऑनलाइन बुकिंग की टिकट कैंसिल की मुहीम चला दी. उसके बाद जिस महिला पर आधारित यह फिल्म है उसकी वकील ने कोर्ट में क्रेडिट लेने के लिए केस जीत लिया.
अब 15 जनवरी से 17 जनवरी को फिल्म के शो नहीं दिखाए जायेंगे, इसमें वकील को क्रेडिट देने काम पूरा किया जायेगा. अब सबसे बुरी खबर यह है की कोई भी ब्रांड दीपिका के साथ काम नहीं करना चाहता.
जिसकी शुरुआत हो भी चुकी है बड़े ब्रांड्स ने दीपिका के साथ आने वाले विज्ञापनों को पहले से बहुत ज्यादा कम कर दिया हैं. अब इसी मुद्दे पर सितारों के एंडोर्समेंट्स संभालने वाले मैनेजरों ने कहा कि, “आने वाले समय में विज्ञापनों के करारों में इस तरह के क्लॉज जोड़े जा सकते हैं, जिनमें किसी सिलेब्रिटी के राजनीतिक रुख तय करने से प्रशासन के नाराज हो सकने वाले जोखिम का जिक्र होगा.”
IPG मीडियाब्रैंड्स में चीफ एग्जिक्युटिव शशि सिन्हा ने भी कहा की, “सामान्य तौर पर ब्रैंड्स सुरक्षित दांव चलते हैं. वे किसी विवाद से बचना चाहते हैं.” आपको बता दें की एक वक़्त पर स्नैपडील का बहुत बड़ा नाम हुआ करता था, लेकिन आमिर खान द्वारा एक ब्यान ने स्नैपडील की बायकॉट मुहीम को जन्म दिया शुरुआत में स्नैपडील के मालिक ने भी ब्यान दे दिया की यह अमीर खान का निजी ब्यान हैं इसलिए हम उन्हें नहीं हटाएंगे.
नतीजा लोगों ने बड़े-बड़े प्रोडक्ट्स कैश ऑन डिलीवरी मंगवा कर रिजेक्ट कर दिए कुछ ही दिनों में स्नैपडील को इतना बड़ा नुक्सान हुआ की आज उनके पास टीवी पर विज्ञापन देने का भी बजट नहीं हैं. इस घटना के बाद से ही अन्य ब्रांड्स अब ऐसे मामलों में सबसे पहले पीछे हटना पसंद करते हैं.

जिसका मतलब हुआ की हो सकता हैं, हमें दीपिका पादुकोण आने वाले समय में किसी भी विज्ञापन का हिस्सा न बनती हुए नज़र आये. ऐसे में दीपिका का JNU प्रदर्शन में शामिल होना उनके कर्रिएर की आखिरी गलती साबित हो सकती हैं.