
पश्चिम बंगाल के एक टीएमसी मेयर फिरहाद हकीम ने 14 दिसंबर को ब्यान देते हुए कहा है की, मुस्लिम समुदाय का नागरिकता संशोधन बिल को लेकर हिंसक प्रदर्शन ही बीजेपी और उनके समर्थकों के मजबूती का रिश्ता कायम करेगा. इस हिंसक प्रदर्शन का फायदा केवल बीजेपी को मिलेगा वो भी पुरे देश में.
फिरहाद हक़ीम ने कहा की, “यह हमारा कर्तव्य है कि हम भारतीय संविधान की रक्षा करें और अधर्म में लिप्त न हों”. आपको बता दें की 13 दिसंबर से ही पश्चमी बंगाल में अलग-अलग हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं, ऐसे में इस हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए टीएमसी की तरफ से पहली बार कोई आधिकारिक ब्यान आया हैं.
लेकिन ब्यान भी यह आया की इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा टीएमसी को नहीं, मतलब अगर फायदा टीएमसी को मिल रहा होता तो यह हिंसक प्रदर्शन टीएमसी के लिए सही होता? हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कार्यवाही करने की बजाए समझाया जा रहा है की, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि विरोध जायज है लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से चलाया जाना चाहिए, न कि रेलगाड़ियों, वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने या सार्वजनिक संपत्ति को आग लगाने से.”
वहीं फिरहाद हक़ीम ने भी ममता बनर्जी के पक्ष में ब्यान देते हुए कहा है की, “मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि संशोधित नागरिकता अधिनियम या एनआरसी राज्य में प्रभावी नहीं होगा और यहां रहने वाले किसी को भी छोड़ने के लिए नहीं कहा जाएगा.”

अगर बात करें अमित शाह की तो उन्होंने कहा है की कोई भी राज्य इस बिल को अपने राज्य में लागु होने से रोक नहीं सकता. अगर फिर भी वो इसे रोकते है तो पुरे देश में एनआरसी से पहले सिविल कोड कानून लाया जाएगा, जिसके बाद राज्यों के पास कानून बनाने का अधिकार ख़त्म हो जाएगा और जो कानून केंद्र के संविधान में होगा वही कानून पुरे देश की जनता पर लागू होगा.