NCP प्रमुख शरद पवार ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर उठाए सवाल, कॉन्ग्रेस को कहा- इस मुद्दे पर संसद ठप करना ठीक नहीं

NCP सुप्रीमो शरद पवार ने शुक्रवार (7 अप्रैल 2023) को कॉन्ग्रेस को जबरदस्त झटका दिया है। उन्होंने कहा कि अडानी समूह को अज्ञात संस्थाओं द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। दरअसल, कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के नेतृत्व में विपक्षी दल अडानी ग्रुप के खिलाफ संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जाँच की लगातार माँग करते आ रहे हैं।

अडानी समूह के टीवी चैनल NDTV को दिए इंटरव्यू में शरद पवार ने शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर JPC की माँग पर अपनी असहमति जताई। उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष द्वारा संसद को ठप करने से सहमत नहीं हैं।

JPC की माँग को लेकर उन्होंने कहा, “इस मुद्दे को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया गया। जो मुद्दे उठाए गए, किसने उठाए? इनके (हिंडनबर्ग) बारे में हमने कभी नहीं सुना। उनकी पृष्ठभूमि क्या है? जब वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं जो पूरे देश में हंगामा खड़ा कर देते हैं तो इसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है। इन बातों को नज़रअंदाज नहीं कर सकते। ऐसा लगता है कि यह निशाना बनाया गया था।”

पवार की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “ये NCP के अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन 19 समान विचारधारा वाले विपक्षी दल मानते हैं कि पीएम से जुड़ा अडानी समूह का मुद्दा वास्तविक और बहुत गंभीर है। सभी विपक्षी दल संविधान और लोकतंत्र को भाजपा से बचाने तथा उसके विभाजनकारी और विनाशकारी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे को हराने में साथ रहेंगे।

वहीं, तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा, “अडानी के स्वामित्व वाला चैनल अडानी के दोस्तों का साक्षात्कार कर रहा है, ताकि हमें बताया जा सके कि उन्हें कैसे निशाना बनाया जा रहा है। भारतीय मीडिया ज़िंदाबाद — आप वास्तव में एक दुर्लभ प्रजाति हैं! संयोग से टीएमसी ने अडानी मुद्दे की जेपीसी जाँच की कॉन्ग्रेस की माँग का समर्थन नहीं किया है।”

वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा, “एक विदेशी शॉर्ट-सेलर द्वारा लेबल किए गए आरोपों के कारण एक भारतीय कॉर्पोरेट की जाँच नहीं की जा सकती। जो पार्टियाँ देश की प्रशासनिक और वाणिज्यिक व्यवस्था से अवगत हैं, वे सच्चाई जानती हैं और वे अपनी बात रख रही हैं।”

बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई आरोप लगाए हैं। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग, अनऑथोराइज्ड ट्रेडिंग, वित्तीय गड़बड़ी, भारी-भरकम लोन सहित कई गंभीर आरोप हैं। हिंडेनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह ने मॉरीशस और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स हेवन में संस्थाओं का उपयोग करके अपनी कंपनियों की सूचीबद्ध शेयरों को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया।

इन आरोपों के बाद से कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी अडानी समूह के खिलाफ मुद्दा उठाते रहे हैं। इस मामले को लेकर न्यायालय ने जाँच का आदेश दे रखा है। इसके बावजूद राहुल गाँधी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) जाँच की लगातार माँग कर रहे हैं। बताते चलें कि हिंडनबर्ग के स्वयं का इतिहास भी काला है। उस पर अमेरिका में जाँच हो रही है।

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