
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को कौन नहीं जानता, एक उभरता हुआ हिंदूवादी चेहरा. जो इतिहास और वर्तमान के हालातों के बारे में इतने विस्तार और स्पष्ट रूप से बताते हैं, जितना किताबों में पढ़ने को नहीं मिलता. यूट्यूब से लेकर फेसबुक तक उनकी वीडियो वायरल होती हैं, उनके चाहने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं.
शायद यही कारण हैं की, अब कांग्रेस और अन्य विपक्ष भी पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ से डरने लगे हैं. पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ कांग्रेस के इतिहास और उनके कारनामों के बारे में इतनी विस्तार से बात करते हैं की अगर कोई कट्टर कांग्रेसी भी कुछ देर उनकी बातों को सुनकर खुद ही उन बातों का अध्ययन करे तो वो कांग्रेस से नफरत करने लगेगा.
ऐसे में कोई कांग्रेस शासित राज्य उन्हें अपने राज्य में किसी कार्यकर्म को क्यों करने देगा? यही कारण रहा की राजस्थान की सरकार ने पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी के कार्यकर्म को रद्द कर दिया. जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो अधिकारीयों ने कहा की वह राज्य का माहौल बिगाड़ देंगे.
ऐसे में लोग यह सवाल उठा रहे हैं की क्या असदुद्दीन ओवैसी के बोलने से माहौल नहीं बिगड़ता? क्या राहुल गाँधी के सावरकर वाले ब्यान से महाराष्ट्र में लोग भड़के नहीं? क्या कन्हैया कुमार और अन्य टुकड़े टुकड़े गैंग के समर्थकों की वजह से महौल खराब नहीं होता?

क्या बोलने की आज़ादी केवल देशद्रोहियों को हैं? क्या बोलने की आज़ादी देशहित में बात करने वालों को नहीं हैं? राजस्थान सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से यह तो साफ़ हो गया है की पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को कांग्रेस अब अपने लिए एक खतरा मान रहे हैं.