
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पहले केवल विरोधी प्रदर्शनकारी ही सड़को पर उतर रहे थे. अब लेकिन लोगों के सब्र का बाँध टूटने लगा हैं और समर्थक भी धीरे-धीरे सड़कों पर उतरना शुरू हो गए हैं. जब विपक्ष और पक्ष दोनों ही सड़कों पर मजूद हों तो प्रदर्शन कब अहिंसा से हिंसा में तब्दील हो जाये पता नहीं चलता.
ऐसे ही पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भड़की इस हिंसा में एक दुःखद खबर सामने आ रही हैं. बताया जा रहा हैं, की इस हिंसक प्रदर्शन में गोकुलपुरी में पत्थरबाजी में हेड कांस्टेबल की मृत्यु हो गयी हैं. मृत्यु की वजह फिलहाल पथरबाज़ी ही बताया जा रहा हैं, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.
इसके इलावा एसपी के रीडर रतन लाल की मौत की खबर आ रही हैं, लेकिन पुलिस ने अभी इस खबर को मीडिया तक नहीं पहुँचाया. शाहदरा के डीसीपी अमित शर्मा भी बुरी तरह से घायल बताये जा रहें हैं. दिल्ली के उप-राज्यपाल ने शांति बनाये रखने की अपील की है और आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली वासियों शांति बनाये रखने की गुजारिश की हैं.
फिलहाल दिल्ली में लगभग 10 इलाकों में धारा 144 लगी हुई हैं, एक तरफ जहाँ अमेरिका के राष्ट्रपति भारतीय दौरे पर मजूद हैं, जिस वजह से पूरी दुनिया की मीडिया की नज़रे भारत पर टिकी हैं, उस समय हमारे देश के वो नागरिक जो 1947 के बंटवारे में किसी वजह से भारत में रह गए थे, वह हिंसक प्रदर्शन करके दुनिया की नज़रों में भारत की छवि खराब करने में लगे हैं.

फिलहाल पुलिस ने आंसू गैस के गोले दाग कर किसी तरह से प्रदर्शनकारियों पर काबू पाया हैं. लेकिन जिस तरह से अब लोगों का गुस्सा फूटना शुरू हो गया हैं, उसे देखकर सुप्रीम कोर्ट और प्रशासन दोनों सकते हैं. जिस तरह से यह CAA को वापिस लेने का प्रदर्शन दिल्ली से पुरे देश में हो रहा हैं, कल को 10000 – 15000 हिन्दू महिलाएं पूरी दिल्ली को जाम करके बोल दें की अब भारत को हिन्दू राष्ट्र घोसित करो तो सरकार क्या करेगी?
यही कारण हैं की बार-बार बड़े नेता यह कह रहे हैं की यह तरीका बिलकुल गलत हैं. अपनी बात को सरकार तक पहुँचाने का, क्योंकि इसके परिणाम भविष्य में घातक साबित हो सकते हैं.