देश के चर्चित कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर भोपाल के दशहरा मैदान में श्रीमद् भागवत कथा कर रहे हैं। उनके पंडाल में हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। 5 दिन हो चुके हैं। कथा के बीच दिए गए देवकीनंदन के बयान लगातार चर्चित और विवादित भी हो रहे हैं। हाल ही में उन्होंने खुले मंच पर कहा कि जब दूसरे अल्पसंख्यक 40-40 बच्चे पैदा कर सकते हैं तो हम हिंदू 4-5 बच्चे पैदा क्यों नहीं कर सकते? मैं हिंदुओं को ऐसे ही 5 बच्चे पैदा करने के लिए नहीं कहता, मेरे खुद के 4 हैं।
मीडिया ने देवकीनंदन ठाकुर से बातचीत की। राजनीति से लेकर विवादित बयानों, धर्म से लेकर हिंदू राष्ट्र जैसे मुद्दों पर तमाम सवाल पूछे। उन्होंने कहा वो अभी 30 करोड़ होकर 100 करोड़ को ललकार रहे, 60 करोड़ होने पर क्या करेंगे।आइए, एक-एक कर सभी सवालों के जवाबों पर चलते हैं। फिर उनसे जुड़े विवादित बयानों और उनके खुद के बच्चों के बारे में जानेंगे।
सवाल : कोई संत कुछ बोलता हैं तो दूसरा संत खंडन कर देता है? जैसे चमत्कार वाली बात पर शंकराचार्य आदि मुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि इस दुनिया में कोई चमत्कार नहीं होता। होता है तो कोई जोशी मठ की धंस रही जमीन को बचाए?
जवाब: शंकराचार्य के प्रश्न का उत्तर देने की क्षमता हममें नहीं है, वो भगवान हैं। हम लोग उनके सेवक हैं। उनकी कोई लीला रही होगी जो उन्होंने ऐसा प्रश्न किया। मैं उनके प्रश्न पर कुछ बोल नहीं सकता। आप अपने वाले प्रश्न पूछिए मैं उत्तर दूंगा।
सवाल : साल 2018 में SC-ST एक्ट में संशोधन का विरोध कर रहे थे। आपने सरकार को चुनौती दी कि संशोधन वापस लिया तो आपका संगठन ‘अखंड भारत मिशन’ मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ेगा। अब एससी एसटी एक्ट पर आपका क्या कहना है?
जवाब: आप मुझे चुनाव लड़ाने पर क्यों अड़े हुए हैं? मैं कथा करते अच्छा नहीं लगता आपको? मैं इतने अच्छे से कथा कर रहा हूं। इसे छोड़ो। हमें आगे बढ़ना है। सनातन की रक्षा करनी है। मैं SC-ST एक्ट में के विरोध में नहीं था। मैंने सरकार से कहा था कि उसमें जांच परख करके संशोधन करो। इसे बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया। मेरा सभी भाइयों से प्यार है। मैं सनातन की बात करता हूं, जाति की बात नहीं करता।
सवाल : NCERT की किताबों से मुगल साम्राज्य के इतिहास को हटाने वाली बात पर यूपी में विवाद चल रहा है, आपकी क्या राय है?
जवाब: मैं कह रहा हूं किताबों से चैप्टर ही नहीं सड़कों से सबके नाम हटने चाहिए। आप ये बताइए मेरे घर पर आकर अगर किसी ने कब्जा कर लिया। ऊपर से मैं उसकी घर में फोटो लगा कर रखूं उसका क्या फायदा? बताइए… इसका कोई मतलब है। वो देश आक्रमण करने वाले लोग थे। इस देश में अकबर द ग्रेट नहीं होना चाहिए। इस देश में राम कृष्णा द ग्रेट थे, हैं और रहेंगे। इसमें कोई संशय नहीं है।
सवाल : मध्यप्रदेश में चुनाव दहलीज पर हैं। आप यूपी से हैं, लेकिन एमपी भी लोकप्रिय हैं। क्या लगता है, यूपी का योगी राज बेहतर है या मध्यप्रदेश में शिवराज?
जवाब: (हाथ जोड़ते हुए) यूपी और एमपी दोनों मेरी आंखों की तरह हैं। मुझे दोनों प्यारी हैं। दोनों मेरी आंख के तारे हैं। मैं पूरे देश को अच्छे से जानता हूं। हर जगह जाता हूं। पूरा देश मुझे प्यार करता है। अभी मैं तेलंगाना गया था। आदिवासियों के क्षेत्र में कथा करके आया हूं। उस जिले का नाम ही आदिलाबाद था। मुझे यूपी एमपी में मत बांटिए। मुझे दोनों जगह कथा करनी है। मैं कथाकार हूं, नेता नहीं हूं। नेताओं को मेरे से ज्यादा जनता जनार्दन जानती है।
सवाल : पिछली बार की तरह आप इस बार MP विधानसभा चुनाव से पहले कोई राजनीतिक पार्टी बनाने के बारे में सोच रहे हैं? चुनाव लड़ेंगे क्या? अगर नहीं तो फिर किस पार्टी का समर्थन करेंगे?
जवाब: मैं किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब नहीं दूंगा। मैंने 2018 चुनाव के पहले भी कहा था मैं चुनाव नहीं लडूंगा। आज भी कह रहा हूं कभी भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैं कथा करता हूं, मुझे कथा ही करने दी जाए। मैं राजनीतिक आदमी नहीं हूं। ना ही किसी पार्टी का समर्थन करता ना ही विरोध। मुझे तो सनातन और समाज से मतलब है।
मैं सनातनियों को बच्चे पैदा करने की सलाह इसलिए नहीं दे रहा हूं कि मुझे अपने बच्चों की चिंता है। मुझे करोड़ों करोड़ सनातनियों की चिंता है, इसलिए बोल रहा हूं। मैंने कहा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाओ। जब तक नहीं बनता तब तक बहुसंख्या में बने रहो, ऐसा कार्य करो। ये देश सेक्युलर तभी तक बना रहेगा, जब तक सनातनी बहुसंख्या में हैं।
सवाल: हिंदू तो ऑलरेडी बहुसंख्या में हैं?
जवाब: अभी हैं बहुसंख्या में, लेकिन 25 साल बाद क्या? आज ही टीवी पर मैं एक महानुभाव का बयान सुन रहा था। वो कह रहे थे। अभी हम 30 करोड़ हैं। आने वाले समय में 60 करोड़ हो जाएंगे, तब देखेंगे तुम्हें। तब ये फलानी कंट्री होगी। ये बयान यूट्यूब पर पड़ा हुआ है। आज हम 100 करोड़ हैं तब भी ऐसी बातें नहीं करते। वो 30 करोड़ होने पर भी गारंटी भर रहे हैं। 100 करोड़ को आज ललकार रहे हैं। आगे क्या होगा।
सवाल: शास्त्रों में कहीं वर्णित है क्या कि हिंदुओं को कितने बच्चे पैदा करने चाहिए?
जवाब : महाराज सगर के 60 हजार पुत्र थे। रावण के 1 लाख बेटे सवा लाख नाती थे। राजा धृतराष्ट्र के 100 पुत्र थे। तो पहले राजाओं के चकाचक संतानें हुईं। अभी आधुनिक युग में देखें तो हमारे आदरणीय लालू यादव जी को ले लीजिए और ऐसे बहुत हैं। लालू जी को तो सब जानते हैं इसलिए नाम ले रहा हूं। हिंदू बहुसंख्या में बने रहें कुल मिलाकर यही मेरा प्रयास है और मानना है।
सवाल: कोई पढ़ा-लिखा नहीं है। अज्ञानी है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि हंस बनो अच्छा-अच्छा ग्रहण करो, बुरा नहीं। तो फिर ये बच्चे पैदा करने में कंपटीशन कैसा?
जवाब: चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव, भगतसिंह। ये सभी पढ़े-लिखे नहीं थे? फांसी पर क्यों चढ़ गए। आपके और मेरे जैसे पढ़े-लिखों के लिए? जो लोग देश की आजादी के लिए फांसी पर लटक गए। क्या अब हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती कि इस देश की आजादी को बनाए रखें। अब ये आजादी कब तक रहेगी? वो तो बच्चे पैदा करते ही जाएंगे। वो 100 करोड़ हो जाएंगे। आज के समय में तो हिंदू एक भी करने में घबरा रहा है। हम दो हमारे एक की थीम चल रही है।
आने वाले समय पर हिंदू 50 करोड़ पर आ जाएगा। फिर 50 करोड़ को वो रहने देंगे? पाकिस्तान में 20% छोड़ के आए थे। कितने पर्सेंट रह गए? 1% भी नहीं बचे हैं। मेरा कहना सिर्फ इतना है कि हम बहुसंख्या मे रहेंगे तो आजाद रहेंगे और सुरक्षित रहेंगे।
सवाल : वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के आस-पास कॉरिडोर बनने का प्रस्ताव पारित हो गया है। सर्वे में करीब 300 मंदिर और आम लोगों के घर कॉरिडोर की जद में आ रहे हैं। लोग विरोध कर रहे हैं?
जवाब: मैं अभी काफी दिनों से बाहर हूं। वहां की रियल सिचुएशन से परिचित नहीं हूं, इसलिए मैं इस विषय पर कुछ नहीं कहूंगा। फिर भी यही कहूंगा कि अगर किसी भी तीर्थ का विकास होता है तो उसमें कोई नुकसान नहीं है। तीर्थ का विकास आने वाले लोगों के लिए होगा। भारी मात्रा में लोग आएंगे तो लोकल यानी हम जैसे लोगों के पास आएंगे। ज्यादा लोग आएंगे तो सरकार का विजन भी दिखेगा। विरोध किस बात का है ये समझने के बाद ही ज्यादा बोल पाउंगा। भरोसा है कि सरकार पुरातन स्थलों को बचाए रखेगी।
सवाल : भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा तो आपके हिसाब से देश में क्या बदलाव आएगा?
जवाब: हिंदू राष्ट्र बनने के बाद देश में लिव-इन रिलेशनशिप जैसे कानून नहीं बनेंगे। गो हत्या नहीं होगी। युवाओं को नशा करने का अधिकार नहीं होगा। किसी भी बच्चे को अपने बूढ़े मां-बाप को घर से निकालने का अधिकार नहीं होगा। प्रत्येक बच्चा संस्कारी होगा। बच्चे राम जैसे बनें ऐसा ज्ञान दिया जाएगा। बेटियां सीता जैसी बनें ऐसा उपदेश दिया जाएगा। जीव हत्या करके उसका मांस नहीं खाया जाएगा। रामराज्य की नींव रखी जाएगी। धर्म विरोधी और अश्लील फिल्में नहीं बनेंगी। 30-40 साल की लड़कियां दो कपड़े पहनकर फिल्में नहीं बना पाएंगी। वेब सीरीज नहीं बनेगी। जिन चीजों से देश के युवाओं का भविष्य खराब होता हो ऐसा कोई काम नहीं होगा।
अब, देवकीनंदन ठाकुर की राजनीति में एंट्री से लेकर एग्जिट तक की कहानी और उनके विवादित बयानों पर चलते हैं…
साल 2018 में सरकार ने SC-ST एक्ट में संशोधन किया। नियम बना कि एससी-एसटी एक्ट मामले में बिना जांच के तत्काल एफआईआर और गिरफ्तारी होगी। हालांकि, 20 मार्च, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने बिना जांच के तत्काल एफआईआर और गिरफ्तारी के प्रावधान पर रोक लगा दी थी, अब तक मामला तूल पकड़ चुका था। एससी-एसटी के लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे थे। सरकार कोर्ट में एससी-एसटी समुदाय के पक्ष में लड़ रही थी। मामले ने तूल पकड़ा।
उन दिनों देवकीनंदन ठाकुर अमेरिका में थे। वो फेसबुक पर लाइव आए और एक्ट को लेकर सरकार पर गुस्सा जाहिर किया। सरकार को 2 महीने के भीतर एक्ट में संशोधन को वापस लेने का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो उनका संगठन ‘खंड भारत मिशन’ मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेगा। अमेरिका से वापस आने के बाद उन्होंने जगह-जगह एक्ट के विरोध में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। उनके प्रदर्शनों में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी। 11 सितंबर 2018 को आगरा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शांति भंग करने के आरोप में उनको गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, उसी दिन उनकी रिहाई भी कर दी गई।
इसके बाद 31 अक्टूबर 2018 को देवकीनंदन भोपाल पहुंचे और सर्व समाज कल्याण पार्टी के साथ MP की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। उन्होंने 1 नवंबर को उज्जैन में रोड शो के साथ अपनी चुनावी रैली की शुरुआत की। उन्होंने कहा ना मैं मंत्री बनना चाहता हूं और ना ही मुख्यमंत्री। मैं अखंड भारत बनाना चाहता हूं, इसलिए में सर्व समाज कल्याण पार्टी के समर्थन में प्रचार करता रहूंगा। रोड शो में सरकार का विरोध करते हुए उन्होंने आगे कहा कि सरकार कब से राम मंदिर बनाने को कह रही हैं। मंदिर तो नहीं बना एट्रोसिटी एक्ट बना दिया। धारा 370 खत्म नहीं की, गो हत्या बंद नहीं हो सकी।
2018 चुनाव में 2-3 शहरों में ही किया प्रचार
साल 2018 के MP विधानसभा चुनावों में देवकीनंदन ठाकुर के समर्थन वाली पार्टी ने शुरुआत में काफी चर्चा बटोरी। उन्होंने उज्जैन के बाद इंदौर और भोपाल में ही बस चुनाव प्रचार किया। इसके बाद उन्होंने चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद सारा बवाल शांत हो गया। अब देवकीनंदन उस मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहते। इसके बाद वो कथाओं के अलावा धर्म से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर टीवी डिबेट्स करते नजर आने लगे हैं। इसके साथ ही अब उनका पूरा फोकस हिंदू राष्ट्र मुद्दे पर है।
अब, देवकी नंदन ठाकुर की ठाकुर बनने और उनके प्रसिद्ध कथावाचक बनने की कहानी पर चलते हैं।
6 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर
देवकीनंदन ठाकुर का जन्म 12 सितंबर 1978 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ था। वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा के ओहावा गांव के एक ब्राह्मण परिवार से हैं। पिता राजवीर शर्मा तथा माता का श्रीमति अनसुईया देवी ने उनका नाम देवकीप्रसाद शर्मा रखा था। देवकी नंदन ने बताया, जब वो थोड़े बड़े हुए तब उनके गांव तक टेंपो तक नहीं जाती थी। बस पकड़ने के लिए उन्हें और उनके परिवार को 6 किमी तक पैदल चलकर जाना पड़ता था।
देवकी नंदन की मां श्रीमद्भगवद्गीता में काफी विश्वास रखती थींं। उनके अलावा उनके 4 भाई और 2 बहनें भी हैं। 6 साल की उम्र में वह घर छोड़कर वृंदावन पहुंचे और ब्रज के रासलीला संस्थान ने उन्हें अपने साथ शामिल कर लिया। रासलीला उन्होंने भगवान कृष्ण और भगवान राम की भूमिका निभाई। श्रीकृष्ण यानी ठाकुरजी की भूमिका निभाने के बाद उन्होंने खूब चर्चाएं बटोरीं।

13 साल में कंठस्थ कर ली श्रीमद्भागवत पुराण, गुरु ने दिया नाम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देवकी नंदन को 13 साल की उम्र में ही श्रीमद्भागवतपुराण कंठस्थ हो गई थी। इसके साथ ही उन्होंने निंबार्क संप्रदाय के अनुयायी के रूप में गुरु-शिष्य की परंपरा के तौर पर दीक्षा ली। देवकीनंदन ठाकुर महाराज गुरु आचार्य पुरुषोत्तम शरण शास्त्री जी ने इनका नाम देवकीनंदन ठाकुर महाराज रखा। उनकी प्रतिभा और बोलने की कला के कारण इन्हें श्रीमद्भागवत पुराण के वाचन का कार्य सौंपा गया।
18 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के शाहदरा में श्रीराम मंदिर में श्रीमद्भागवत महापुराण के उपदेश दिए. इसके बाद उन्होंने कई जगहों पर श्रीकृष्ण और राम कथा का वाचन किया। धीरे-धीरे उनके फॉलोअर्स की संख्या बढ़ने लगी। साल 2001 के बाद से वह मलेशिया, थाईलैंड, डेनमार्क, स्वीडन, नार्वे, हॉन्ग-कॉन्ग जैसे देशों में भी वह प्रवचन कर चुके हैं। उनका विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट भी है। वेबसाइट के मुताबिक, उनके आश्रम में संस्कृत छात्र विकास, गौशाला, वृद्धाश्रम, अनाथों को प्रश्रय और समुदाय के बीच एकता स्थापित करने जैसे काम किए जाते हैं।
2015 में योगी ने यूपी रत्न अवार्ड दिया, सोशल मीडिया पर मिलियन्स में फॉलोवर
देवकी नंदन के धर्मार्थ कार्यों के लिए साल 2015 में उन्हें उत्तर प्रदेश रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया था। CM योगी आदित्यनाथ ने खुद ये अवॉर्ड उन्हें दिया था। श्री ब्राह्मण महासंघ ने उन्हें अचार्यिंद्र के पद के साथ सम्मानित किया है। इसके साथ ही उन्हें कई तरह के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। सोशल मीडिया पर पर भी देवकीनंदन के फॉलोअर्स लाखों में हैं।
इंस्टाग्राम: 7 लाख 14 हजार फॉलोअर्स
फेसबुक: 33 लाख फॉलोअर्स
ट्विटर: 4 लाख 35 हजार फॉलोअर्स
यूट्यूब: 44 लाख सब्सक्राइबर
अभी श्री देवकीनंदन ठाकुर छटीकारा वृंदावन रोड, वैष्णो देवी मंदिर के पास, श्रीधाम वृंदावन उत्तरप्रदेश में रहते हैं।