कोरोना: वृद्ध मुस्लिम की हुई मौत,एकलौते बेटे ने दफनाने से किया इनकार,हिन्दू डॉक्टर्स ने किया अंतिम संस्कार…

यह वायरस ऐसा आया कि रिश्ते भी बेकार हो चुके हैं! वायरस के चलते इस शख्स की मौत हो गई जिसके बाद उसके जनाजे पर उसके खुद के बेटे को हाथ तक नहीं लगाने दिया! हालात और भी खराब है क्योंकि मृतक के धर्म से जुड़े लोगों ने भी इस वायरस के खौफ के चलते शव को एंबुलेंस से कब्र तक हाथ लगाने से भी इंकार कर दिया! तो ऐसा है यह वायरस जिसने रिश्तो को भी कमजोर कर दिया है! हालांकि बाद में हिंदुओं ने उसको उसके दीदी रिवाजों के साथ दफनाया!

जानकारी के लिए बता दे, इनका नाम मोहम्मद शमी है, जो कि 62 वर्ष के थे, नोएडा के सेक्टर 66 स्थित ममुरा में रहते थे और जो एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे! हाल ही में शुक्रवार को कोरोनावायरस से पॉजिटिव पाई गई! जब उनकी पुष्टि हो गई तो देर रात को उन्हें गलगोटिया कैंपस स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर से जिम्स भेजे जाते समय रास्ते में ही कार्डियॉरेस्पिरेट्री सिस्टम फेल हो जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई! जिसके चलते उनकी पत्नी, बेटा, बेटी और देवी को भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा को क्वॉरेंटाइन में रखा गया और लखनऊ से उनके पुत्र को नोएडा बुलाया गया!

जिसके बाद मृतक का शव वाहन से निकालकर कब्र तक पहुंचा कर क्रिया कर्म करने की कार्यवाही पूरी करने के लिए कहा गया! लेकिन पति की मृत्यु का शोक झेल रही पत्नी ने अपने पुत्र और पुत्री को इस वायरस के खौफ से अंत समय में भी उनके पिता के जनाजे को हाथ तक लगाने नहीं दिया!

जब जनाजे को परिवार ने हाथ लगाने से इंकार कर दिया तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मौके पर मौजूद धर्मगुरुओं से पीपीई किट पहनने को कहा और जनाजे को दफनाने के लिए निवेदन किया! लेकिन उन्होंने भी वायरस के खौफ से हाथ लगाने से मना कर दिया! लेकिन इंसानियत अभी बाकी थी इसके बाद जिला करंट इन प्रभारी एसीएमओ डॉ वी बी ढाका, डॉ अमित चौधरी एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला संयोजक और फार्मेसिस्ट कपिल चौधरी मामले में खुद आए और तीनों ने पीपीई कीट पहनकर जनाजे को दफनाने प्रक्रिया को पूरा किया!

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