जो कह रहे थे NRC में कागज नही दिखाऊंगा, आज खुद अदालत में जमानत के लिए कागज लिए खड़े थे

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झारखण्ड के चुनावी नतीजों के बीच एक बड़ी खबर दब गयी थी और यह खबर थी की हिंसक प्रदर्शन मामले में तीस हजारी कोर्ट ने 15 आरोपियों की जमानत याचिका रद्द कर दी गयी हैं. पुलिस ने सबूतों के साथ बताया है की 15 आरोपियों ने शुक्रवार (20 दिसंबर) की शाम को दरियागंज डीसीपी ऑफिस के बाहर खड़ी एक कार को आग के हवाले किया था.

यहीं नहीं इन आरोपियों ने पुलिस पर पथराव किया और अन्य गाड़ियों को भी जमकर नुक्सान पहुँचाया था. नागरिकता संशोधन बिल को लेकर प्रदर्शन करने वालों की तरफ से देश की जानी मानी सिनियर वकील रेबेका जोन्स पेश हुईं थी.

वकील रेबेका जोन्स का कहना था की, “दंगा के मामलों का बहुत सावधानी से मूल्यांकन करने की आवश्यकता है. इन हिरासत में लिए गए लोगों को 41A के तहत कोई नोटिस नहीं दिया गया. IEO ने अदालत को बताया कि डीसीपी कार्यालय पर भी पथराव किया गया. पथराव के कारण कई लोग घायल भी हुए हैं.”

लेकिन कोर्ट ने वकील रेबेका जोन्स की सभी दलीलों को खारिज़ करते हुए 15 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने से मना कर दिया. उधर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अभी तक 45 लोगों पर सरकारी सम्पति को नुक्सान पहुँचाने के जुर्म में जुर्माने के नोटिस जारी कर दिए हैं, अगर जुर्माने नहीं चुकाया तो उनकी सम्पति को कुर्क कर दिया जाएगा.

45 सिर्फ शुरूआती आंकड़ा हैं, साल के अंत तक यह आंकड़ा 400 से 500 तक जा सकता हैं. खैर 30 हजारी कोर्ट के फैसला आने के बाद आम आदमी पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में आए कपिल मिश्रा ने इन दंगाइयों की चुटकी लेते हुए कहा की, “कल तक चीख रहे थे, हम कागज़ नहीं दिखाएंगे, आज अदालत में जमानत के लिए सारे कागज़ लिए खड़े थे.”

इसपर लोगों ने भी अपने-अपने तरीके से कपिल मिश्रा की इस चुटकी पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसके कुछ नमूने निचे दिए हैं…

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