संतो पर सिर्फ वहीं हमले हो रहे हैं,जहां कांग्रेस सरकार में है,ये संयोग है या प्रयोग,अब पंजाब में भी हाथ पैर बांध……

महाराष्ट्र के पालघर के बाद अब पंजाब से संत पर हमले की खबर आई है। होशियारपुर में स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप पर एक घातक हमला हुआ। नकाबपोश हमलावरों ने धारदार हथियार से हमला किया। शुक्रवार (24 अप्रैल, 2020) को रात 10 बजे के करीब, स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप होशियारपुर में आश्रम में आराम कर रहे थे। 2 लोगों ने दीवार और आश्रम में प्रवेश किया और स्वामीजी पर हमला किया। उस समय स्वामी पुष्पेंद्र आश्रम में अकेले थे।

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बाद में स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप को अस्पताल ले जाया गया। स्थानीय अस्पताल में इलाज के दौरान, उसने पुलिस को बताया कि उन अज्ञात हमलावरों ने उसके हाथ और पैर बांध दिए। फिर उन पर हमला किया और उन्हें घायल कर दिया और 50 हजार रुपये और कुछ अन्य सामान लेकर आश्रम से भाग गए। स्वामी पुष्पेंद्र ने बताया कि बदमाशों ने उनका भी गला घोंट दिया।

स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप ने कहा कि उन्होंने हमलावरों से कहा कि पैसे लेकर चले जाओ, लेकिन मुझे मत मारो। इसके बावजूद हमलावरों ने उस पर बुरी तरह हमला किया। गला घोंटने के साथ ही हमलावरों ने उसके सिर पर भी हथियार से हमला किया, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया।

गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार (16 अप्रैल, 2020) को महाराष्ट्र के पालघर में 2 साधुओं सहित 3 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। घटना का वीडियो 3 दिन बाद रविवार को वायरल हुआ, जिसके बाद लोगों को सच्चाई का पता चला। पालघर की भीड़ का यह वीडियो दिल दहला देने वाला था। उस वीडियो को देखकर कोई भी कांप जाए। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस वीडियो में देखे गए एक संदिग्ध की पहचान के बारे में जानकारी मांगी थी। जिसके बाद पता चला कि वह शरद पवार की पार्टी (एनसीपी) का आदमी है।

अब तक इस भीड़ के मामले में एफआईआर दर्ज करके 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 101 लोगों को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि 9 नाबालिगों को जुवेनाइल सेंटर होम भेज दिया गया है। ऑल इंडिया सेंट्स कमेटी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है, इस डकैती की सीबीआई जांच करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पत्र में हत्या के पीछे एक बड़ी साजिश की आशंका जताई गई है।

पत्र में कहा गया है कि पालघर में दो व्रतधारी संतों और उनके ड्राइवर की निर्मम हत्या महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। इसलिए, माननीय गृह मंत्री ने भारत सरकार से संत समिति द्वारा सुझाए गए बिंदुओं पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

इसके साथ ही, पत्र में कहा गया है कि पूरे मामले में महाराष्ट्र के मंत्री अनिल देशमुख की भूमिका संदिग्ध है। इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि इस घटना को एक ही समुदाय का मामला कहना एकतरफा है। इसलिए मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।

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