
पाकिस्तान जिस चीन को मुसलमानों का सबसे अच्छा दोस्त मानता हैं वहीं चीन उइगर में मुसलमानों पर अत्याचार कर रहा हैं. इस बात की जानकारी दुनिया भर के लोगों को हैं, लेकिन मुस्लिम देशों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा, उसका सबसे बड़ा कारण हैं की यह देश चीन के साथ अच्छे व्यापारिक रिश्ते खराब नहीं करना चाहते.
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने अपने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान को कहा है की, “चीन में उइगर मुसलमानों के साथ होने वाले जुल्म पर आवाज उठाएं.” इसपर अब चीन ने शाहिद अफरीदी को जवाब दिया हैं की, “दुष्प्रचार के प्रभाव में न आएं और खुद आकर स्थितियों को देखें.”
पाकिस्तान और चीन के व्यापारिक रिश्तों की खबर किसी से भी छुपी हुई नहीं हैं. ऐसे में चीन का आंतरिक मामला बताकर परोक्ष रूप से चीन का पक्ष लेने वाले पाकिस्तान ने भी शाहिद अफरीदी की बातों को कोई तवज्जो नहीं दी.
हालाँकि शाहिद अफरीदी ने ट्वीट किया था की, “उइगर मुसलमानों के खिलाफ जुल्म सुनकर दिल टूट रहा है. प्रधानमंत्री इमरान खान से गुजारिश है कि आप उम्मत (मुस्लिम समुदाय) को संगठित करने की बात कहते हैं तो इस बारे में भी थोड़ा सोचें. चीनी हुकूमत से अपील है कि वह भगवान के लिए, अपने मुल्क में मुसलमानों का उत्पीड़न रोके.”
कुछ देर में ही शाहिद अफरीदी का यह ट्वीट मीडिया में आ गया और पाकिस्तान समेत चीन में इस बात का विवाद खड़ा हो गया, आखिरकार शाहिद अफरीदी को अपना ट्वीट डिलीट करना पड़ा और चीन के अधिकारी ने लिखा की, “मुझे लगता है कि आप चीन के खिलाफ पश्चिम (देशों) के प्रोपेगेंडे से काफी गुमराह हो चुके हैं. हालात देखने के लिए चीन के शिनजियांग क्षेत्र में आपका स्वागत है. आपको एक बिलकुल अलग शिनजियांग देखने को मिलेगा.”

हालात तो यह है की खुद अरब के देशों ने भी यह मान लिया है की चीन उइगर मुसलमानों के साथ कोई अत्याचार नहीं कर रहा. चीन का कहना है की, जिन केंद्रों पर पश्चमी मीडिया इलज़ाम लगाती है की वहां उइगर मुसलमानों पर अत्याचार होते हैं, उन केन्द्रो में हम उइगर मुसलमानों को अच्छी तालीम के साथ रोजगार कौशल सिखाते हैं.